Sri Sathya Sai Baba: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) बुधवार को आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। समारोह के दौरान, पीएम मोदी ने सत्य साईं बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की और पुट्टपर्थी स्थित उनकी महासमाधि पर उन्हें नमन किया। साथ ही उनके जीवन और शिक्षाओं को समर्पित एक स्मारक सिक्का और डाक टिकटों भी जारी किया। पीएम मोदी के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय बच्चन, केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू, किंजरापु, जी. किशन रेड्डी और अन्य भी शताब्दी समारोह में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "श्री सत्य साईं बाबा का यह जन्म शताब्दी वर्ष हमारी पीढ़ी के लिए केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक दिव्य आशीर्वाद है। भले ही वे अब भौतिक रूप में हमारे बीच नहीं हैं, फिर भी उनकी शिक्षाएं, उनका प्रेम और उनकी सेवा भावना लाखों लोगों का मार्गदर्शन करती रहती है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "श्री सत्य साईं बाबा का जीवन "वसुधैव कुटुम्बकम" का प्रतीक था, और इसलिए यह जन्म शताब्दी वर्ष हमारे लिए सार्वभौमिक प्रेम, शांति और सेवा का एक भव्य उत्सव बन गया है। हमारी सरकार इस अवसर पर 100 रुपये का स्मारक सिक्का और एक विशेष डाक टिकट जारी करने का सौभाग्य प्राप्त कर रही है। यह सिक्का और डाक टिकट उनके सेवा कार्यों को दर्शाते हैं।" इस अवसर पर, मैं सभी भक्तों और नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।"
उन्होंने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा का संदेश केवल पुस्तकों, प्रवचनों और आश्रमों तक ही सीमित नहीं है। उनकी शिक्षाओं का प्रभाव जन-जन तक पहुंचता है। बाबा के लाखों अनुयायी बिना किसी स्वार्थ के इस कार्य में लगे हुए हैं। मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है; यही बाबा के अनुयायियों का सबसे बड़ा आदर्श है।
प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय भी इस समारोह में शामिल हुईं। ऐश्वर्या ने समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया। ऐश्वर्या राय ने कहा, "मैं आज इस समारोह में हमारे साथ उपस्थित होने और इस विशेष अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ। मैं आपके प्रेरक, मार्गदर्शक और प्रभावशाली विचारों को सुनने के लिए उत्सुक हूँ।"
सत्य साईं बाबा का जन्म 23 नवंबर, 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गाँव में सत्यनारायण राजू के रूप में हुआ था। जब वे मात्र 14 वर्ष के थे, तब उन्होंने स्वयं को शिरडी साईं बाबा का अवतार घोषित किया और अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। उनका मानना था कि ईश्वर प्रत्येक जीव में निवास करते हैं, इसलिए मानवता की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।
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