Pastor Bajinder Singh: मोहाली की POCSO कोर्ट ने 2018 के दुष्कर्म मामले में स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 7 साल बाद आए कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने राहत की सांस ली और न्याय मिलने पर खुशी जताई।
दरअसल पिछले सप्ताह कोर्ट ने बजिंदर को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), धारा 323 (चोट पहुंचाना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी ठहराया था। जुलाई 2018 में दिल्ली एयरपोर्ट पर बजिंदर को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह लंदन जाने की कोशिश कर रहा था। मोहाली की पोक्सो कोर्ट द्वारा उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया।
इस मामले में पीड़िता ने कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीड़िता ने कोर्ट का आभार जताते हुए कहा, "मैं मोहाली कोर्ट के जज, वकीलों, मीडिया और इस लड़ाई में मेरे साथ खड़े रहने वाले सभी लोगों की शुक्रगुजार हूं। मुझे आज न्याय मिला है।"
वहीं, पीड़िता के पति ने कहा, "बजिंदर आदतन अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है। सजा सुनाते समय उसके आपराधिक इतिहास को ध्यान में रखा गया। हमें न्याय व्यवस्था पर भरोसा था और आज यह भरोसा पूरा हुआ। कोर्ट ने इस मामले में 5 अन्य लोगों को बरी कर दिया है, जिन्होंने 7 साल की सजा काटी है। हम इस फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हैं। लिखित फैसले में यह देखना होगा कि जज उसे 'आदतन अपराधी' घोषित करते हैं या नहीं।"
पीड़िता के वकील अनिल कुमार सागर ने कहा, "बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, यानी उसे आखिरी सांस तक जेल में रहना होगा। कोर्ट ने साबित कर दिया है कि सर्वोच्च शक्ति न्यायपालिका के पास है। जो गलत करेगा, उसे सजा जरूर मिलेगी।"
बता दें कि यह मामला 2018 का है, जब जीरकपुर की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने बजिंदर सिंह पर रेप का आरोप लगाया था। पीड़िता ने दावा किया था कि पादरी ने मोहाली स्थित अपने घर पर उसके साथ रेप किया और इस घटना का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल करने की धमकी दी।
जब यह घटना हुई, तब पीड़िता नाबालिग थी। इसलिए मामला पोक्सो कोर्ट में चल रहा था। पीड़िता की शिकायत पर जीरकपुर पुलिस ने चमत्कार के जरिए बीमारियां ठीक करने का दावा करने वाले जालंधर के पादरी बजिंदर सिंह समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले में बजिंदर जमानत पर बाहर था। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुख्ता सबूत और गवाह पेश किए, जिसके आधार पर अदालत ने यह कड़ा फैसला सुनाया है।
गौरतलब है कि हरियाणा के यमुनानगर निवासी और जालंधर स्थित 'चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम' के संस्थापक बजिंदर सिंह खुद को ईसा मसीह का दूत बताते हैं और चमत्कारिक उपचार का दावा करते हैं। सोशल मीडिया पर उनके कई वीडियो वायरल हैं, जिनमें वे मरीजों को ठीक करते नजर आते हैं। हालांकि अब बजिंदर सिंह की सजा के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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