दिल्ली विस्फोट पर बोले उमर अब्दुल्ला-“हर कश्मीरी आतंकवादी नहीं है”

खबर सार :-
दिल्ली विस्फोट पर उमर अब्दुल्ला का बयान एक अहम संदेश देता है कि आतंकवाद किसी एक समुदाय या प्रदेश की पहचान नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ गिने-चुने लोगों की हरकतों से पूरे जम्मू-कश्मीर को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। मुख्यमंत्री का यह बयान देशभर में शांति, एकता और न्याय की भावना को मजबूत करने वाला माना जा रहा है।

दिल्ली विस्फोट पर बोले उमर अब्दुल्ला-“हर कश्मीरी आतंकवादी नहीं है”
खबर विस्तार : -

Delhi Blast: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नई दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई थी। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या की किसी भी धर्म या मजहब में इजाजत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच जारी है और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कश्मीरियों का किया बचाव

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जम्मू-कश्मीर का हर नागरिक आतंकवादी नहीं है और न ही आतंकवादियों से उसका कोई संबंध है। उन्होंने कहा कि “हमें यह ध्यान रखना होगा कि कुछ लोगों की गलत हरकतों की वजह से पूरे प्रदेश या समुदाय को कटघरे में खड़ा करना न्यायसंगत नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि जब हम हर कश्मीरी मुसलमान को एक ही विचारधारा से जोड़ देते हैं, तो समाज में गलतफहमियां बढ़ती हैं और युवाओं को सही रास्ते पर लाना कठिन हो जाता है।

चंद लोगों ने बिगाड़ा अमन-चैन

मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अमन और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने वाले सिर्फ चंद लोग हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग पूरे प्रदेश या समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। उन्होंने कहा कि राज्य के बहुसंख्यक नागरिक शांति चाहते हैं और आतंकवाद के खिलाफ हैं। आतंकवादियों की गतिविधियों से सबसे ज्यादा नुकसान आम कश्मीरी को ही होता है।

पढ़े-लिखे लोगों की भूमिका पर सवाल

दिल्ली कार ब्लास्ट और फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल के संदर्भ में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि आतंकवादी गतिविधियों में डॉक्टरों और शिक्षित वर्ग के लोग शामिल पाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या हमने इससे पहले विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को नहीं देखा जिन्हें ऐसे मामलों में नौकरी से निकाला गया, लेकिन जांच अधूरी रह गई? आखिर मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया?”उन्होंने कहा कि अगर समाज के पढ़े-लिखे लोग भी इस राह पर जा रहे हैं, तो यह हमारे लिए आत्मचिंतन का विषय है।

बेगुनाहों को न फंसाने की अपील

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दोहराया कि इस हमले के दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बेगुनाह लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं फंसाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय तभी संभव है जब निर्दोष और दोषी के बीच स्पष्ट अंतर किया जाए।

अन्य प्रमुख खबरें