Mumbai Police Encounter : महानगरी मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को एक स्तब्ध करने वाली घटना सबके सामने आई। जहां एक व्यक्ति ने एक स्टूडियो में 17 मासूम बच्चों समेत 19 लोगों को अपना बंधक बना लिया। इस भयानक और डरावने हादसे की दोपहर करीब 1ः45 बजे शुरू हुई और महज ढाई घंटों में ही पूरा घटनाक्रम का पटापेक्ष हो गया। बंधकों को सुरक्षित बचाने के चक्कर में आरोपी की जान चली गई। पुलिस ने सूझबूझ से काम लेते हुए सभी बंधकों को सकुशल छुड़ा लिया और उन्हें उनके परिवारों के हवाले कर दिया गया है।
घटना की शुरुआत तब हुई जब पवई पुलिस स्टेशन पर एक फोन आता है। कॉल करने वाले ने दावा किया कि उसने आर.ए. स्टूडियो में बच्चों को बंधक बना रखा है। इतना ही नहीं उसने आगे कहा कि अगर उसकी मांगें नहीं मानी गईं तो वह पूरे स्थान को आग के हवाले कर सकता है। फोन करने वाले ने यहां तक कहा कि वह खुद की जान भी ले सकता है। कॉलर ने खुद को रोहित आर्या बताया और सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी अपलोड किया। इस वीडियो में वह शांत लेकिन दृढ़ स्वर में कहता नजर आ रहा था कि वह कोई आतंकवादी नहीं है और न ही उसकी कोई आर्थिक मांग है। उसने जोर देकर कहा कि उसकी मांगें पूरी तरह न्यायपूर्ण हैं और वह सिर्फ कुछ खास लोगों से बात करना चाहता है, उनके जवाब सुनना चाहता है। मैंने आत्महत्या के बजाय यह रास्ता चुना है, उसने कहा, मुझे बदलाव चाहिए, और अगर मैं नहीं तो कोई और करेगा, शायद यही बच्चे।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। स्टूडियो, जो पवई थाने से महज आधा किलोमीटर दूर महावीर क्लासिक बिल्डिंग में स्थित था, को घेर लिया गया। अधिकारियों को पता चला कि रोहित के पास कुछ संदिग्ध रसायन हैं, इसलिए उन्होंने बातचीत से मामला सुलझाने की कोशिश की। लेकिन रोहित किसी भी सलाह या समझौते के लिए तैयार नहीं था। आखिरकार, पुलिस को मजबूरन स्टूडियो के बाथरूम की ग्रिल तोड़कर अंदर दाखिल होना पड़ा। इंस्पेक्टर विजय सालुंखे और उनकी टीम ने आरोपी को काबू करने की कोशिश की, लेकिन इसी दौरान रोहित ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जांच में पुलिस को रोहित के पास से एक एयरगन और कुछ रसायन मिले, जिनकी जांच जारी है। मिली जानकारी के अनुसार स्टूडियो में पिछले तीन दिनों से एक टीवी सीरियल के लिए ऑडिशन चल रहा था। रोहित खुद इन ऑडिशनों का हिस्सा था और उसने सुबह करीब 17 बच्चों को रोक लिया और स्टूडियो के दो कर्मचारियों को भी बंधक बना लिया।
इस घटना के पीछे रोहित का एक पुराना झगड़ा सामने आ रहा है। वह महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर से जुड़ा था। केसरकर पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में मंत्री थे। रोहित और केसरकर की एक पुरानी तस्वीर भी वायरल हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, रोहित ने शिक्षा विभाग के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम किया था, जिसका लगभग दो करोड़ रुपये का पेमेंट अटका हुआ था। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद विभाग के एक अधिकारी ने कमियां गिनाकर भुगतान रोका, जिससे रोहित को लगा कि उसे धोखा दिया जा रहा है। अब उसकी मौत के साथ यह राज भी दफन हो गया कि वह किससे और क्यों बात करना चाहता था, जिसके लिए उसने इतना बड़ा कदम उठाया। पुलिस अब रोहित की पृष्ठभूमि की गहराई से जांच कर रही है। क्या यह व्यक्तिगत असंतोष था या कोई बड़ा मुद्दा? परिवार और समाज में इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के अभिभावकों में राहत है, लेकिन घटना ने शिक्षा और मनोरंजन क्षेत्र में सुरक्षा के सवालों को फिर से उछाला है। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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