Monsoon Session 2025: लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर’ और मतदाता सूची विवाद पर हंगामा

खबर सार :-
संसद का मानसून सत्र हंगामेदार चल रहा है। इस सत्र के दौरान सोमवार को ऑपरेशन सिंदू और मतदाता सूची विवाद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गये। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया, तो सत्तापक्ष ने कहा कि विपक्ष जानबूझकर सदन की कार्यवाही चलने नहीं दे रहा है।

Monsoon Session 2025: लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर’ और मतदाता सूची विवाद पर हंगामा
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः संसद का मानसून सत्र सोमवार को उस वक्त हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस शुरू होने से पहले विपक्ष ने बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision-SIR) को लेकर सरकार से तत्काल चर्चा की मांग कर दी। इस मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और अंततः स्थगित करनी पड़ी। 

एसआईआर पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

विपक्षी दलों ने एसआईआर को ‘लोकतंत्र की बुनियाद’ से जोड़ते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में अनियमितताओं की आशंका है, जिससे लाखों लोगों के मताधिकार पर संकट मंडरा सकता है। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसे ‘सबसे गंभीर संवैधानिक मुद्दा’ बताते हुए कहा कि अगर लोगों को डर हो कि उनका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। हमने स्पीकर से सिर्फ 30 सेकंड मांगे थे, ताकि एसआईआर का मुद्दा सदन के सामने रख सकें, लेकिन हमारी बात सुनी ही नहीं गई। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मामलों पर चर्चा से भाग रही है। जबकि, आज न हम वेल में गए, न ही नारे लगाए— फिर भी हमारी आवाज को दबाया गया।

संसद को बंधक बना रहा  विपक्षः भाजपा सांसद कमजीत सहरावत

सरकार की ओर से भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष निराधार मुद्दों के सहारे सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहा है। सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के लिए सहमति दे दी थी, लेकिन विपक्ष अब नया मुद्दा लेकर आया है — जिससे साफ जाहिर होता है कि वह चर्चा नहीं, सिर्फ शोर करना चाहता है। विपक्ष के पास न तो तथ्य हैं, न ही समाधान। वे केवल विफलताओं को छुपाने के लिए संसद को बंधक बना रहे हैं।

विपक्ष की रणनीति या जनसंवेदनशील मुद्दा?

संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विपक्षी दल मतदाता सूची और 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे मुद्दों को मिलाकर सरकार को ‘ट्रांसपेरेंसी’ के मोर्चे पर घेरने की रणनीति अपना रहे हैं। वहीं, सत्ताधारी दल इसे ‘राजनीतिक नौटंकी’ कह कर खारिज कर रहा है।

प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर सवाल

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार पहलगाम और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा से बच रही है। पहले भी हमने स्पेशल सेशन बुलाने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने कोई तारीख तय नहीं की। आज भी सरकार नए-नए बहाने बना रही है, ताकि चर्चा न करनी पड़े। कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह बेहद गंभीर बात है कि जब देश आतंकवाद और मतदाता अधिकार जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, तब प्रधानमंत्री सदन से अनुपस्थित हैं। सरकार बहस से डर रही है।

 लोकसभा स्पीकर ने की शांति बनाए रखने की अपील

लोकसभा स्पीकर ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और सहमति से चर्चा की अपील की है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि एसआईआर पर अलग से चर्चा की अनुमति दी जाएगी या नहीं। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है—क्या संसद की कार्यवाही में लोकतंत्र का असली स्वरूप दिखता है, या यह सिर्फ राजनीतिक रणनीतियों का अखाड़ा बन गई है? अब नजर टिकी है मंगलवार के सत्र पर, जहां यह देखा जाएगा कि क्या संसद वास्तव में चर्चा का मंच बनती है या शोरगुल का।

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