नई दिल्लीः भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में मानसून सत्र 2025 ऐतिहासिक साबित हो रहा है। सोमवार को लोकसभा में भारी विरोध के बीच केंद्र सरकार ने दो अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक—आयकर विधेयक, 2025 और कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025—को पारित कर दिया। यही नहीं, खेल क्षेत्र में भी बड़े बदलाव की घोषणा करते हुए 'राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक' और 'राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक' भी लोकसभा से पास हो गए। इन सभी विधेयकों का उद्देश्य है—प्रशासनिक पारदर्शिता, आर्थिक सुधार और युवाओं को सशक्त बनाना।
साल 1961 में लागू हुआ आयकर अधिनियम अब इतिहास बनने जा रहा है। उसकी जगह लेने वाला नया आयकर विधेयक, 2025 न केवल तकनीकी रूप से आधुनिक है, बल्कि इसमें करदाताओं के हितों की रक्षा करते हुए जटिलताओं को भी काफी हद तक कम किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत यह विधेयक 285 से अधिक संसदीय चयन समिति की सिफारिशों को शामिल करता है। इस संशोधित विधेयक में ‘मकान संपत्ति’ से होने वाली आय की परिभाषा को स्पष्ट किया गया है। इसमें मानक कटौती, होम लोन पर प्री-कंस्ट्रक्शन ब्याज और संपत्ति निवेश पर कर कटौती के नियमों को सरल भाषा में दोहराया गया है। साथ ही ‘पूंजीगत संपत्ति’, ‘लघु एवं छोटे उद्यम’, और ‘लाभार्थी स्वामी’ जैसे तकनीकी शब्दों की भी स्पष्ट परिभाषाएं दी गई हैं। यह विधेयक 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा और इसका उद्देश्य टैक्सपेयर्स फ्रेंडली प्रणाली की स्थापना करना है।
दूसरा विधेयक, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 देश के निवेश परिदृश्य और पेंशन प्रणाली में सुधार लाने के इरादे से लाया गया है। खासकर एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के लाभार्थियों को अब वही कर छूट मिलेगी, जो राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के तहत उपलब्ध है। इसके साथ ही, सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड और उसकी सहयोगी कंपनियों को आयकर अधिनियम की धारा 10 (23FE) के तहत प्रत्यक्ष कर छूट देने का भी प्रावधान है। इसका मकसद विदेशी निवेश को प्रोत्साहन देना है। विधेयक में तलाशी अभियानों के दौरान चल रहे असेसमेंट और री-असेसमेंट से संबंधित जटिलताओं को भी दूर किया गया है, ताकि ब्लॉक असेसमेंट की प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायसंगत हो।
केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का उद्देश्य भारत में खेल प्रशासकों को एक संरचित और उत्तरदायी ढांचे में लाना है। इस विधेयक के तहत एक नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड (NSB) का गठन किया जाएगा, जो देश भर के सभी खेल महासंघों की निगरानी करेगा—जिसमें BCCI भी शामिल है। खेल मंत्री ने इसे आज़ादी के बाद खेल क्षेत्र में सबसे बड़ा सुधार बताया और कहा कि यह विधेयक 'ग्राउंड टू ग्लोरी' का सपना साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। मांडविया ने 'खेलो भारत' नीति का जिक्र करते हुए कहा कि देशभर में बनाए गए खेलो इंडिया सेंटर्स युवाओं को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, कोचिंग और सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए पूरी मदद उपलब्ध कराएगी।
वाडा (वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप भारत ने भी अपनी राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को अधिक ऑपरेशनल स्वतंत्रता देने का फैसला लिया है। इसके लिए राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 को लोकसभा में पारित किया गया। यह विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि डोपिंग से जुड़े मामलों में निर्णय प्रक्रिया पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष हो। राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी अपील पैनल को भी अधिक संस्थागत स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे नाडा की जांच और प्रवर्तन गतिविधियों को मजबूती मिलेगी।
हालांकि, ये विधेयक लोकसभा में भारी विरोध के बीच पारित हुए। विपक्षी दलों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध में जमकर नारेबाजी की। विपक्ष का आरोप है कि SIR से मतदाता पंजीकरण की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। बावजूद इसके, लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए सभी विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया और सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि एक ओर जहां ये विधेयक सरकार के ‘न्यू इंडिया’ की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष का विरोध लोकतांत्रिक बहस की महत्ता को रेखांकित करता है। कर प्रणाली से लेकर खेल प्रशासन तक, इन विधेयकों का प्रभाव व्यापक होगा—बशर्ते इनका क्रियान्वयन पारदर्शी और न्यायसंगत ढंग से हो।
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