Ladakh Protest: लेह-लद्दाख में हिंसक हुआ युवाओं का आंदोलन...CRPF की गाड़ी और भाजपा का दफ्तर भी फूंका

खबर सार :-
Leh Ladakh Protest : केंद्र सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। उस समय सरकार ने कहा था कि राज्य में स्थिति सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।

Ladakh Protest: लेह-लद्दाख में हिंसक हुआ युवाओं का आंदोलन...CRPF की गाड़ी और भाजपा का दफ्तर भी फूंका
खबर विस्तार : -

Leh Ladakh Protest: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की राजधानी लेह में बुधवार को पूर्ण राज्य दर्जा की मांग करे रहे आदोलनकारियों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान छात्रों की पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई। इतना ही नहीं युवाओं ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी, साथ पुलिस पर पथराव किया और एक सीआरपीएफ वाहन को फूंक दिया। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है और लाठीचार्ज किया, जबकि प्रदर्शनकारी पुलिस पर जमकर पथराव किया । इस दौरान कई प्रदर्शनकारी घायल होने की जानकारी सामने आ रही है।

Leh Ladakh Protest: सोनम वांगचुक के समर्थन में हो रहा प्रदर्शन

बता दें कि ये छात्र सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जो पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। दरअसल प्रदर्शनकारी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। आयोजकों ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले पर निर्णय के लिए 6 अक्टूबर की तारीख तय की है, लेकिन प्रदर्शनकारी उससे पहले समाधान की मांग कर रहे हैं। क्योंकि 10 सितंबर से 35 दिनों की भूख हड़ताल पर बैठे 15 लोगों में से दो की मंगलवार शाम को तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें पूरी न होने के विरोध में आज बंद का आह्वान किया था, जिसके कारण हिंसा भड़क गई। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।

Leh Ladakh Protest: प्रदर्शनकारियों की ये चार मांगे

  1. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।
  2. लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए।
  3. लद्दाख के लिए दो लोकसभा सीटों की मांग की गई है।
  4. लद्दाख की जनजातियों को जनजातीय दर्जा दिया जाए।

गौरतलब है कि 2019 में, जब अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त किया गया था, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। सरकार ने उस समय आश्वासन दिया था कि राज्य में स्थिति सामान्य होने पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।

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