Sonam Wangchuk Counterattack : मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है, लद्दाख हिंसा पर केंद्र सरकार के आरोपों को किया खारिज

खबर सार :-
Sonam Wangchuk Counterattack : लद्दाख में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग पर हिंसा के बाद सोनम वांगचुक ने केंद्र के आरोपों को खारिज करते हुए खुद को बलि का बकरा बताया। उन्होंने सरकार पर जनमुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया और आशंका जताई कि उन्हें PSA के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है।

Sonam Wangchuk Counterattack : मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है, लद्दाख हिंसा पर केंद्र सरकार के आरोपों को किया खारिज
खबर विस्तार : -

Sonam Wangchuk Counterattack : लद्दाख में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन में बीते बुधवार को हिंसा देखने को मिली। इस दौरान लेह में हुई झड़पों में चार लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और 80 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने इस हिंसा के लिए चर्चित पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया, जिस पर अब वांगचुक ने तीखा जवाब दिया है।

सोनम वांगचुक का कहना है कि उन्हें जानबूझकर बलि का बकरा बनाया जा रहा है ताकि लद्दाख की असली समस्याओं से जनता और मीडिया का ध्यान भटकाया जा सके। उनका कहना है कि सरकार की यह चतुराई दरअसल समझदारी से कोसों दूर है।

जेल में बैठा वांगचुक, बाहर वाले से ज्यादा खतरनाक होगा

फोन पर एक बयान में वांगचुक ने कहा कि मुझे अंदेशा है कि सरकार मुझे पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत गिरफ्तार कर सकती है। वांगचुक ने कहा कि मैं इसके लिए मानसिक रूप से तैयार हूं, लेकिन सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि जेल में बैठा सोनम वांगचुक, बाहर घूमने वाले सोनम वांगचुक से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।

Sonam Wangchuk Counterattack : हिंसा के पीछे युवाओं की नाराजगी 

वांगचुक का मानना है कि यह हिंसा युवाओं में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी और सरकार के अधूरे वादों का नतीजा है। उन्होंने कहना है कि पिछले छह वर्षों से हम शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें रख रहे हैं, पूर्ण राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची और पर्यावरण संरक्षण। लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ नौकरी आरक्षण जैसे छोटे मुद्दों को उपलब्धि बताकर लोगों को भ्रमित कर रही है।

Sonam Wangchuk Counterattack : प्रशासन का कर्फ्यू और सोशल मीडिया पर नियंत्रण

घटना के बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई हैं। गृह मंत्रालय ने दावा किया कि स्थिति बुधवार शाम तक नियंत्रण में ले ली गई थी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि हिंसा वांगचुक के कथित उत्तेजक भाषणों और कुछ राजनीतिक तत्वों की वजह से भड़की, जो सरकार के साथ जारी बातचीत से असंतुष्ट थे।

सरकार ने यह स्पष्ट किया कि लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ उच्च स्तरीय समिति की बातचीत जारी है, और अगली बैठक 6 अक्टूबर को प्रस्तावित है।

उपराज्यपाल की चेतावनी और लोकतंत्र की दुहाई

लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता का कहना है कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी लोग माहौल बिगाड़ने में शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

15 दिन की भूख हड़ताल समाप्त

वांगचुक ने इस तनावपूर्ण माहौल के बीच अपनी 15 दिन पुरानी भूख हड़ताल को समाप्त करने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई शांतिपूर्ण और वैचारिक है, लेकिन अगर सरकार जनभावनाओं को दबाने की कोशिश करेगी तो यह आंदोलन और भी व्यापक रूप ले सकता है।

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