Karur Stampede: तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता से नेता बने विजय (TVK Chief Vijay) की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है। रविवार को हुई इस रैली में 39 लोगों की जान चली गई। मृतकों में नौ बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं, जबकि 50 से ज़्यादा लोग अभी भी अस्पतालों में जिदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसे "अपूरणीय क्षति" बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, "39 लोगों की मौत की खबर ने हमें झकझोर दिया है। मैंने निर्देश दिया है कि अस्पतालों में भर्ती सभी लोगों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।" सीएम स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने इस त्रासदी के कारणों और जिम्मेदारी की जांच के लिए उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जाँच आयोग का गठन किया है।
तमिलगा वेट्टी कजगम (TVK) प्रमुख विजय (Vijay) ने एक्स पर एक भावुक पोस्ट करते हुए कहा, "मेरा दिल टूट गया है, यह असहनीय दर्द है। करूर में अपने भाइयों और बहनों को खोने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।" इस पोस्ट को कुछ ही घंटों में 27,000 से ज़्यादा लाइक मिले।
हालांकि, उनकी भूमिका ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि मंच से पानी की बोतलें फेंकने से भगदड़ और बढ़ गई। इसके अलावा, घटना के तुरंत बाद पीड़ितों से मिले बिना ही चेन्नई से चार्टर्ड फ्लाइट से रवाना होने की भी आलोचना हुई है। इंस्टाग्राम पर #KarurStampede और #IStandWithVijay जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, आयोजकों ने करूर बस स्टैंड पर रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने एक छोटे से स्थल की अनुमति दे दी। भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन व्यवस्थाओं में गंभीर कमियाँ स्पष्ट रूप से दिखाई दीं। साहित्यकार वैरामुथु और विपक्षी नेताओं ने कहा कि ऐसी चिंताओं को पहले ही उठाया जाना चाहिए था और आयोजकों को, सरकार के साथ, ज़िम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।
इस दुर्घटना को विजय के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जिन्होंने फरवरी 2024 में अपनी पार्टी, तमिलगा वेत्री कजगम (TVK) की स्थापना की थी। उनकी लोकप्रियता ने बड़ी भीड़ खींची है, लेकिन जान-माल की कीमत पर। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इससे उनकी "सत्ता-विरोधी" छवि कमजोर हो सकती है। फिलहाल, राज्य सरकार, विपक्ष और जनता, सभी की नजर जांच आयोग की रिपोर्ट पर है। यह त्रासदी इस बात की कड़ी याद दिलाती है कि लोकतांत्रिक राजनीति में भीड़-गतिशीलता की चाहत इंसानी जान से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं हो सकती।
अन्य प्रमुख खबरें
Red Fort Blast : दिल्ली में पहला फिदायीन हमला, लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट की जांच में नए खुलासे
मोची रामचेत का बीमारी से निधन, राहुल गांधी ने की थी मदद, गांव में शोक की लहर
लालकिला क्षेत्र में धमाका, केंद्र और दिल्ली पुलिस पर सवाल, कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग
दिल्लीः लाल किला धमाके की जांच में जुटी एजेंसियां, सोशल मीडिया पर पैनी नजर
Delhi i20 Blast : कार में विस्फोट, 11 की मौत, अमित शाह ने कहा—हर एंगल से होगी जांच
Delhi Red Fort Explosion: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में हुआ धमाका, आठ की मौत, 24 लोग घायल
Lucknow Doctor Arrested : आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश, महिला डॉक्टर शाहीन गिरफ्तार, कार से AK-47 बरामद