झांसीः झांसी में ऐसा कोई दिन नहीं है जब जनता सड़कों पर उतरकर बिजली और पानी के लिए प्रदर्शन न कर रही हो। बिजली कटौती और उसके कारण पानी की आपूर्ति न होने से झांसी की जनता भीषण गर्मी में बेहाल है, जिसके लिए जगह-जगह घेराव और प्रदर्शन हो रहे हैं। मंगलवार को खैलार क्षेत्र के लोग सड़क पर उतर आए और हाईवे जाम कर जल संस्थान और बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की।
पानी न मिलने से लोग खाली बर्तन लेकर सड़क पर बैठ गए और जाम लगा दिया, जिससे झांसी और बबीना के बीच वाहनों का आवागमन ठप हो गया। इस प्रदर्शन में बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे सभी शामिल हैं और सड़क से गुजर रहे लोगों का भी उन्हें समर्थन मिल रहा है। इस भीषण गर्मी में जनता का गुस्सा अपने जनप्रतिनिधियों पर भी फूट रहा है। उनका कहना है कि सभी नेता एसी में सो रहे हैं और जनता सड़कों पर बदहाल हालत में घूम रही है। जनता का कहना है कि सिर्फ पत्र लिखने से यह समस्या हल नहीं होगी, उन्हें भी हमारी समस्याओं में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देना होगा और इस समस्या का मूलभूत समाधान निकालना होगा क्योंकि चुनाव के समय यही लोग हैं जिन्होंने कहा था कि हम आपको सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराएंगे और आपकी समस्याओं में आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे लेकिन आज की स्थिति में कोई भी जनप्रतिनिधि या नेता सड़कों पर दिखाई नहीं देता।
सरकार ने झांसी मंडल की बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए करीब 350 करोड़ की धनराशि आवंटित की थी। इस धनराशि से झज्जर के तार बदले जाने थे, बड़े फीडरों को छोटा किया जाना था और ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जानी थी। इसके लिए बिजली विभाग 1 साल से यह काम कर रहा है। इसके लिए किसी न किसी इलाके में रोजाना 7 से 8 घंटे बिजली काटी जाती थी। तब कहा गया था कि अगर यह काम हो गया तो गर्मियों में बिजली की समस्या नहीं होगी, लेकिन 90 फीसदी काम पूरा होने के बावजूद बिजली व्यवस्था पहले जैसी ही है, बल्कि पहले से भी बदतर हो गई है।
सदर विधायक रवि शर्मा का कहना है कि इस समय बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को पत्र भी लिखा है। विधायक ने बिजली अधिकारियों के साथ बैठक की और चेतावनी दी कि यदि बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो जिम्मेदार कर्मचारियों और अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। सदर विधायक के अलावा अन्य जनप्रतिनिधि भी अपने स्तर पर इस समस्या को उठा रहे हैं। लेकिन जनता का गुस्सा अभी थम नहीं रहा है।
इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने भी अधिकारियों के साथ बैठक की और इस समस्या के तत्काल समाधान के निर्देश दिए और कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में की जा रही बिजली आपूर्ति की समीक्षा करते हुए उपभोक्ताओं को वैक्यूम सप्लाई उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी मुख्यालय पर निवास करेंगे और आने वाली सभी समस्याओं के समाधान के लिए कॉल भी अटेंड करेंगे, कॉल रिसीव न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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