देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम, 2,900 किलो विस्फोटक बरामद, दो डॉक्टर समेत 7 गिरफ्तार

खबर सार :-
Jammu Kashmir Terror Module: जम्मू और कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें दो डॉक्टरों सहित कुल सात आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। यह नेटवर्क भारत के कई राज्यों से और पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स के ज़रिए ऑपरेट हो रहा था।

देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश नाकाम, 2,900 किलो विस्फोटक बरामद, दो डॉक्टर समेत 7 गिरफ्तार
खबर विस्तार : -

Jammu Kashmir Terror Module: जम्मू और कश्मीर पुलिस ने एक अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़ करके बड़ी सफलता हासिल की है। यह नेटवर्क बैन आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा था। इस ऑपरेशन में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया और लगभग 2,900 किलो विस्फोटक, हथियारों का जखीरा और कई आपत्तिजनक सामान बरामद किया।

Jammu Kashmir Terror Module: दो डॉक्टर समेत 7 गिरफ्तार

गिरफ्तार आरोपियों में डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब, डॉ. अदील, आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, मौलवी इरफान अहमद और जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलशा शामिल हैं। छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। इनमें एक चीनी पिस्तौल और कारतूस, एक बेरेटा पिस्तौल और कारतूस, एक AK-56 और कारतूस, एक AK क्रिंकोव राइफल और कारतूस, और 2,900 किलो IED सामग्री (विस्फोटक, रसायन, बैटरी, टाइमर, तार, रिमोट कंट्रोल और मेटल शीट सहित) शामिल हैं।

  • डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई (मुसैब), निवासी कोईल, पुलवामा
  • डॉ. आदिल, निवासी वानपोरा, कुलगाम
  • मकसूद अहमद डार (शाहिद), निवासी नॉवगाम, श्रीनगर
  • मौलवी इरफान अहमद (मस्जिद के इमाम), निवासी शोपियां
  • अरिफ निसार डार (साहिल), निवासी नॉवगाम, श्रीनगर
  • यासिर-उल-आशरफ, निवासी नॉवगाम, श्रीनगर
  • जमीर अहमद आहंगर (मुतलाशा), निवासी वाकुरा, गंदेरबल

विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में था पूरा नेटवर्क

पुलिस जांच में पता चला कि यह गैंग विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में था और फंडिंग, भर्ती और लॉजिस्टिकल सपोर्ट के लिए एन्क्रिप्टेड चैनलों का इस्तेमाल कर रहा था। आतंकवादियों ने शक से बचने के लिए सोशल मीडिया और एजुकेशनल नेटवर्क के ज़रिए फंड जुटाने का सिस्टम बनाया था। पूरा नेटवर्क एक 'व्हाइट-कॉलर टेरर इकोसिस्टम' के तौर पर काम कर रहा था, जिसमें कुछ प्रोफेशनल और स्टूडेंट शामिल थे।

इस आतंकी मॉड्यूल का खुलासा तब हुआ जब 19 अक्टूबर को श्रीनगर के नौगाम के अलग-अलग इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद के धमकी भरे पोस्टर लगाए गए। इस मामले में UAPA एक्ट, एक्सप्लोसिव सब्सटेंस एक्ट और आर्म्स एक्ट की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई। जांच के दौरान पुलिस ने श्रीनगर, अनंतनाग, गांदरबल और शोपियां के साथ-साथ फरीदाबाद (हरियाणा) और सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में भी छापेमारी की।

जांच में जुटी पुलिस

जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ उनकी अटूट प्रतिबद्धता और सतर्कता का सबूत है। पुलिस के मुताबिक, फंडिंग के पहलू की अभी भी जांच चल रही है और सभी संपर्कों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने साफ किया कि जम्मू और कश्मीर पुलिस आतंकवाद की इस बुराई को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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