जम्मू-कश्मीर: LG मनोज सिन्हा का एक्शन, 3 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, खुफिया जानकारी लीक करने का आरोप

खबर सार :-
जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इन सभी पर भारत से जुड़ी सूचनाएं आतंकी संगठनों को देने का आरोप था। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर: LG मनोज सिन्हा का एक्शन, 3 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, खुफिया जानकारी लीक करने का आरोप
खबर विस्तार : -

श्रीनगर: भारत पाकिस्तान तनाव भले ही इस समय शांत हो लेकिन भारत की सरकार पहलगाम हमले की अलग-अलग पहलुओं से जांच कर रही है। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर सरकार ने मंगलवार को आतंकी संगठनों के लिए काम करने के आरोप में 3 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। बर्खास्त सरकारी कर्मचारी सुरक्षा बलों और नागरिकों पर आतंकी हमले करने में आतंकियों की मदद कर रहे थे। इसलिए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल में बंद तीन बर्खास्त कर्मचारियों में पुलिस कांस्टेबल मलिक इश्फाक नसीर, स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक एजाज अहमद और सरकारी मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में जूनियर असिस्टेंट वसीम अहमद खान शामिल हैं। 

मलिक इश्फाक नसीर 2007 में जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था। उसका भाई मलिक आसिफ नसीर लश्कर का पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकवादी था। उसे 2018 में एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। हालांकि मलिक ने निडर होकर अपनी आतंकी गतिविधियां जारी रखीं और पुलिस कांस्टेबल होने के कारण वह किसी भी संदेह से बचने में सफल रहा। पुलिस के मुताबिक मलिक के लश्कर से संबंध सितंबर 2021 में सामने आए थे, जब जम्मू-कश्मीर पुलिस जम्मू क्षेत्र में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी से जुड़े एक मामले की जांच कर रही थी। पुलिस कांस्टेबल होने के बावजूद वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को हथियार, विस्फोटक और नशीले पदार्थ पहुंचाने में मदद कर रहा था। इन खेपों को जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल कर गाइड किया जाता था। पुलिस के मुताबिक मलिक न सिर्फ सुरक्षित जगहों की पहचान कर रहा था बल्कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर्स से सूचनाएं भी साझा कर रहा था। वह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आतंकियों को हथियार और गोला-बारूद भी इकट्ठा कर बांट रहा था, जिससे वे सुरक्षा बलों और नागरिकों पर आतंकी हमले कर सकें। 

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षक एजाज अहमद हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम कर रहा था। उसे 2011 में शिक्षक के तौर पर भर्ती किया गया था। वह पुंछ क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन का भरोसेमंद आतंकी सहयोगी बन गया था। वह हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की तस्करी में आतंकी संगठन की सक्रिय रूप से मदद कर रहा था। उसके आतंकी संबंधों का खुलासा नवंबर, 2023 में हुआ, जब पुलिस ने नियमित जांच के दौरान एजाज और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि दोनों एजाज की टोयोटा फॉर्च्यूनर में हथियार, गोला-बारूद और एचएम के पोस्टर लेकर जा रहे थे। आगे की जांच में पता चला कि यह खेप उसके हैंडलर आबिद रमजान शेख के निर्देश पर प्राप्त हुई थी, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकवादी है। यह खेप कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले करने के लिए पहुंचाई जानी थी। उन्होंने कहा कि जांच में आगे पता चला कि एजाज पिछले कई सालों से घाटी में आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद मुहैया करा रहा था। आतंकवादियों तक पहुंचा रहा था।

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