Indian Delegation Return : भारत लौटा प्रतिनिधिमंडल, दुनिया को दिया सख्त संदेश- “पाकिस्तान आतंक का केंद्र”

खबर सार :-
Indian Delegation Return : तिवारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य पाक प्रायोजित आतंकवाद की नीति को उजागर करना था और इस मिशन में उन्हें सफलता मिली है।

Indian Delegation Return  : भारत लौटा प्रतिनिधिमंडल, दुनिया को दिया सख्त संदेश- “पाकिस्तान आतंक का केंद्र”
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली। भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत करने के तहत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने चार देशों की यात्रा पूरी कर भारत लौट आया। तिवारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस दौरे का मुख्य उद्देश्य पाक प्रायोजित आतंकवाद की नीति को उजागर करना था और इस मिशन में उन्हें सफलता मिली है।

चार देशों की यात्रा में क्या-क्या हुआ?

प्रतिनिधिमंडल ने कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र का दौरा किया। मनीष तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस बात को पूरी दृढ़ता से रखा कि पाक आतंकवाद को बढ़ावा देता है और यह पूरी दुनिया के लिए एक खतरा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाक दक्षिण एशिया ही नहीं, वैश्विक अस्थिरता का भी एक प्रमुख स्रोत बन चुका है।

राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की बात

मनीष तिवारी ने इस दौरे को एक रणनीतिक कूटनीतिक सफल बताया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और दृष्टिकोण को विभिन्न देशों ने गंभीरता से लिया। मनीष तिवारी ने कहा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि भारत सरकार इस संवाद को आगे बढ़ाएगी और पाक व अन्य आतंकवाद-समर्थक देशों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

आप सांसद का भी बड़ा बयान

‘आप’ के राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने भी यात्रा को सफल बताया। उन्होंने कहा कि हमने यह स्पष्ट किया किष् हमने विश्व समुदाय को बताया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और भारत में सभी समुदाय शांति में विश्वास रखते हैं। पड़ोसी देश जान-बूझकर आतंकवाद को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। हमने उनकी इस साजिश को सबसके सामने रखा।

भारत का फिलिस्तीन पर रुख भी हुआ स्पष्ट

दौरे के दौरान जब अरब देशों ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया, तो भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत के पारंपरिक रुख को दोहराया। विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि हमने बताया कि भारत ओस्लो समझौते और दो-राष्ट्र सिद्धांत का समर्थक रहा है। हमारी पूरी सहानुभूति फिलिस्तीन की जनता के साथ है और हम युद्ध का शीघ्र समाधान चाहते हैं।

इस प्रतिनिधिमंडल की यात्रा से भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर वह कड़ा और निर्णायक रुख अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब यह देखना होगा कि भारत सरकार इस पहल को किस तरह आगे बढ़ाती है और वैश्विक सहयोग को किस हद तक मजबूत कर सकने में सफल हो पाती है।

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