FY26 Inflation Rate : वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में महंगाई सीमित रहने के संकेत, आम उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीद

खबर सार :-
FY26 Inflation Rate : बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में भारत की महंगाई दर 0.4 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।

FY26 Inflation Rate : वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में महंगाई सीमित रहने के संकेत, आम उपभोक्ताओं को राहत की उम्मीद
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: देश की आर्थिक स्थिति को लेकर एक सकारात्मक संकेत सामने आया है। बैंक ऑफ बड़ौदा की ताज़ा विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही के दौरान महंगाई दर (FY26 Inflation Rate) नियंत्रित दायरे में रह सकती है। रिपोर्ट का अनुमान है कि इस अवधि में मुख्य महंगाई दर लगभग 0.4 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्वानुमान से भी कुछ कम है। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार नरमी और गैर-खाद्य वस्तुओं की स्थिर कीमतें महंगाई को काबू में रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं। हाल के हफ्तों में कुछ सब्जियों की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी जरूर देखी गई, लेकिन इसका व्यापक असर उपभोक्ता महंगाई पर पड़ने की आशंका कम है।

FY26 Inflation Rate :  नवंबर में महीने खुदरा महंगाई दर बेहद निचले स्तर पर रही

नवंबर महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो खुदरा महंगाई दर बेहद निचले स्तर पर रही। इस दौरान खुदरा महंगाई केवल 0.7 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने यह आंकड़ा 5 प्रतिशत से अधिक था। विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च आधार प्रभाव और खाद्य महंगाई में तेज गिरावट इसके प्रमुख कारण हैं। खासतौर पर खाद्य श्रेणी में महंगाई नकारात्मक स्तर पर बनी हुई है। नवंबर में खाद्य महंगाई दर माइनस 3.9 प्रतिशत दर्ज की गई। सब्जियों के दामों में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई, वहीं दालों और मसालों की कीमतों में भी उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।

FY26 Inflation Rate : दिसंबर के शुरुआती दिनों में टमाटर, प्याज और आलू के दामों में हल्की तेजी दिखी

रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले दस प्रमुख खाद्य उत्पादों में से आधे से अधिक ऐसे हैं, जिनमें महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। हालांकि मौसम संबंधी कारणों से सब्जियों और अंडों की कीमतों में कुछ अस्थायी बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन इसे दीर्घकालिक खतरे के रूप में नहीं देखा जा रहा। दिसंबर के शुरुआती दिनों में टमाटर, प्याज और आलू जैसी जरूरी सब्जियों के दामों में हल्की तेजी आई है, लेकिन कुल मिलाकर इनकी कीमतें अभी भी पिछले वर्ष की तुलना में काफी नीचे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे आने वाले महीनों में महंगाई (FY26 Inflation Rate) और कम होने की संभावना बनी हुई है। कुल मिलाकर, बैंक ऑफ बड़ौदा की यह रिपोर्ट संकेत देती है कि मौजूदा आर्थिक हालात में महंगाई आम जनता के लिए बड़ी चिंता का विषय नहीं बनेगी और उपभोक्ताओं को निकट भविष्य में राहत मिलती रह सकती है।

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