COVID-19 Cases India : भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या देखते देखते 3,000 के पार पहुंच गई है। इससे स्वास्थ्य विभाग और आम नागरिकों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जो ताजा आंकड़े जारी किए हैं उनके अनुसार, देश में फिलहाल 3,395 लोग सक्रिय कोविड-19 से पीड़ित हैं। इनमें सबसे अधिक मामले केरल हैं जहां पर कोविड के पॉजिटिव लोगों की संख्या एक हजार के पार चली गई है। यहां पर कोविड पॉजिटिव की संख्या 1,336 है। महाराष्ट्र में भी कोविड से पीड़ित लोगों की संख्या पांच सौ के पार होने वाली है। यहां पर अभी तक 467 लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। इसी तरह दिल्ली में 375 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी कोविड के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है।
केरल में बीते शुक्रवार को 189 नए कोविड-19 मामले सामने आए। इससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 1,336 हो गई है। महाराष्ट्र में 467, दिल्ली में 375, गुजरात में 265, कर्नाटक में 234, पश्चिम बंगाल में 205, तमिलनाडु में 185 और उत्तर प्रदेश में 117 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। राजस्थान, पुडुचेरी, हरियाणा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी मामूली वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष अब तक देशभर में कोविड-19 से 26 मौतें दर्ज की गई हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार भारत में कोविड के जो मामले बढ़ रहे हैं उनके लिए मुख्य कारण ओमीक्रॉन के उप-वेरिएंट्स है। ये वही स्ट्रेन हैं जो 2022 में भारत में कोविड की एक बड़ी लहर के पीछे थे। ICMR प्रमुख डॉ. राजीव बहल ने बताया कि वर्तमान में जो वेरिएंट सक्रिय हैं, उनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं। इनमें से पहले तीन ज्यादा प्रचलित हैं। डॉ. बहल ने कोविड के फैलने के पैटर्न के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 के मामलों में सबसे पहले वृद्धि दक्षिण भारत में देखी गई, फिर पश्चिम की ओर, और अब उत्तर भारत तक पहुँच चुकी है। इन सभी मामलों की लगातार निगरानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के माध्यम से की जा रही है।
हालांकि डॉ. बहल ने आश्वस्त किया कि वर्तमान में संक्रमण की गंभीरता हल्की है और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने समझाया कि जब भी मामले बढ़ते हैं, तो तीन प्रमुख कारकों पर ध्यान देना जरूरी होता है। पहला, वायरस की संक्रामकता, दूसरा, मामलों की बढ़ने की गति, और तीसरा, गंभीर मामलों का प्रतिशत।
डॉ. बहल की माने तो वर्तमान में मामले उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रहे हैं, जितनी तेजी से पिछली बार देखे गए थे और नए वेरिएंट पिछली प्रतिरक्षा को चकमा देने में सक्षम नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक पाए गए अधिकांश मामलों में गंभीरता कम है और केवल पहले से बीमार वाले लोगों में ही गंभीरता देखी जा रही है। हालाँकि, डॉ. बहल ने नागरिकों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। यह ज़रूरी है कि हम सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते रहें, जैसे मास्क पहनना (विशेषकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर), हाथों की स्वच्छता बनाए रखना और यदि लक्षण दिखाई दें तो तुरंत जांच करवाना।
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