नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कथित तौर पर अश्लील कंटेंट ब्रॉडकास्ट करने के आरोप में भारत में 43 ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया है। सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर गैर-कानूनी, अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के प्रसारण को रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत एक मजबूत कानूनी ढांचा मौजूद है। इन नियमों के तहत, OTT प्लेटफॉर्म किसी भी ऐसे कंटेंट को ब्रॉडकास्ट न करने के लिए बाध्य हैं जो कानूनी रूप से प्रतिबंधित है।
डॉ. मुरुगन ने बताया कि IT नियम, 2021 का भाग III डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट (OTT) के लिए एक आचार संहिता प्रदान करता है। इसमें उम्र के आधार पर वर्गीकरण, तीन-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र और गैर-कानूनी कंटेंट को हटाने के लिए समय-सीमा शामिल है। इन नियमों का उल्लंघन करने पर IT अधिनियम की धारा 79 के तहत मध्यस्थों को दी गई छूट भी खत्म हो सकती है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के तहत फिल्मों के प्रमाणन के लिए गठित एक वैधानिक निकाय है, और वर्तमान में OTT कंटेंट को इसके दायरे में लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। OTT कंटेंट का विनियमन IT नियम, 2021 के तहत किया जा रहा है।
सरकार ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधान ऑनलाइन अश्लीलता, गलत सूचना और साइबर अपराधों के खिलाफ कार्रवाई को और मजबूत करते हैं। इस बीच, OTT क्षेत्र भारतीय रचनात्मकता और सांस्कृतिक विरासत के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, देश में भुगतान करने वाले OTT उपयोगकर्ताओं की संख्या 95 से 118 मिलियन के बीच होने का अनुमान है।
नए नियमों के तहत, सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म को अश्लील, आपत्तिजनक, नफ़रत फैलाने वाले और गुमराह करने वाले कंटेंट को होस्ट करने या ट्रांसमिट करने से रोकना होगा। IT एक्ट 2000 और IT रूल्स 2021 में साफ तौर पर कहा गया है कि जो प्लेटफॉर्म इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर गलत और गैर-कानूनी कंटेंट को रोकने की पूरी ज़िम्मेदारी होगी।
सरकार ने डीपफेक, AI से बनी नकली पहचान और लोगों की नकल करने वाले कंटेंट पर भी कड़ी पाबंदी लगाई है। कोर्ट या सरकारी आदेश मिलने पर तय समय सीमा के अंदर ऐसे कंटेंट को हटाना अब कानूनी तौर पर ज़रूरी होगा। न्यूडिटी, प्राइवेसी के उल्लंघन और नकली पहचान से जुड़े कंटेंट को 24 घंटे के अंदर हटाना होगा। इन नियमों को डिजिटल प्लेटफॉर्म को ज़्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अन्य प्रमुख खबरें
भारतीय सेना को मिले तीन अपाचे हेलीकॉप्टर, यहां किए जाएंगे तैनात, इसलिए कहलाते हैं 'उड़ते हुए टैंक'
अब होगा AI आधारित डिजिटल टोल कलेक्शन, गडकरी ने की टोल टैक्स को लेकर बड़ी घोषणा
Oscar के लिए शॉर्टलिस्ट हुई ‘होमबाउंड’, गदगद हुए करण जौहर
पीएम सूर्य घर योजना से 7.7 लाख से ज्यादा घरों को राहत, बिजली बिल हुआ शून्य
Vijay Diwas 2025: विजय दिवस पर जवानों की शहादत को याद कर दी गई श्रद्धांजलि
विजय दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी सहित नेताओं ने शहीद वीर जवानों को दी श्रद्धांजलि
National Herald Case : अदालत का बड़ा फैसला, सोनिया-राहुल गांधी को तत्काल राहत
पहलगाम आतंकी हमला : एनआईए जम्मू कोर्ट में दाखिल करेगी चार्जशीट