DGMO Rajiv Ghai बने डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी), युद्ध की तैयारियों को मिलेगा रणनीतिक मास्टरमाइंड

खबर सार :-
DGMO Rajiv Ghai : DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) नियुक्त किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर से लेकर सीजफायर वार्ता तक, उनकी युद्ध रणनीति और कूटनीतिक क्षमता भारतीय सेना के लिए बेहद अहम साबित हुई है।

DGMO Rajiv Ghai बने डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी), युद्ध की तैयारियों को मिलेगा रणनीतिक मास्टरमाइंड
खबर विस्तार : -

DGMO Rajiv Ghai : भारतीय सेना ने सोमवार को लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) के पद पर नियुक्ति दे दी। यह कदम युद्ध की रणनीति और सैन्य संचालन के लेकर बहुत अहम माना जा रहा है।
राजीव घई पहले से ही डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के रूप में सेवाएं दे रहे हैं और ऑपरेशन सिंदूर में अपनी रणनीतिक कौशलता का परिचय भी दिखा चुके हैं। इस ऑपरेशन में पाक के 11 एयरबेस को निशाना बनाया गया और 100 से अधिक आतंकियों का सफाया किया गया।

रणनीति के मास्टरमाइंडः ऑपरेशन सिंदूर से सीजफायर तक

राजीव घई ने सिर्फ ऑपरेशन की योजना ही नहीं बनाई, बल्कि पाक के साथ हुई सीजफायर की वार्ता में मुख्य किरदार भी निभाया। सीजफायर के लिए पाक के डीजीएमओ ने सीधे राजीव घई से संपर्क किया था जो उनकी रणनीतिक और कूटनीतिक कुशलता दिखाता है।

नई जिम्मेदारी, नई चुनौतियाँ

डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटेजी) बनने के बाद अब उनकी भूमिका और भी बड़ी देखी जा रही है। घई अब ऑपरेशन एंड इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट, सैन्य रणनीतियों की योजना, और थल सेना, वायुसेना व नौसेना के साथ तालमेल जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाएंगे। भारत के मौजूदा सुरक्षा माहौल को देखते हुए यह नियुक्ति जरूरी और समय के अनुकूल मानी जा रही है।

आतंकवाद रोधी अभियानों में घई का अनुभव

राजीव घई कुमाऊं रेजिमेंट के हैं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में चिनार कॉर्प्स के जीओसी रहते हुए आतंकवाद के खिलाफ कई ऑपरेशनों का नेतृत्व किया है। उन्होंने मणिपुर में भारत-म्यांमार सीमा पर भी सुरक्षा का आकलन किया, जिससे उनका अनुभव और विजन अब सेना की रणनीति को मजबूती देगा।

भारत की सैन्य रणनीति को मिलेगा नया दिशा

राजीव घई की नियुक्ति ऐसे वक्त में हुई है जब भारत को न सिर्फ पाक बल्कि चीन के मोर्चे पर भी सतर्कता दिखाने की जरूरत है। ऐसे में घई का अनुभव और ऑपरेशनल विजन भारतीय सेना रणनीतिक दिशा को महत्वपूर्ण हो जाती है। 

सम्मान और उपलब्धियाँ

4 जून 2025 को उन्हें राष्ट्रपति द्वारा युद्ध और ऑपरेशनल उपलब्धियों के लिए दिया जाने वाला उच्च सम्मान उत्तम युद्ध सेवा पदक (UYSM) से सम्मानित किया गया था।

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