ISI की एक और खतरनाक साजिश नाकाम, बारूद के बाद अब विदेशी पिस्तौलों का जखीरा बरामद

खबर सार :-
Delhi Blast: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। उन्होंने पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करते हुए विदेशी पिस्तौल की बड़ी खेप बरामद की है।

ISI की एक और खतरनाक साजिश नाकाम, बारूद के बाद अब विदेशी पिस्तौलों का जखीरा बरामद
खबर विस्तार : -

Delhi Blast Update : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI समर्थित अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह ड्रोन के जरिए अत्याधुनिक विदेशी पिस्तौलों की पाकिस्तान से भारत में तस्करी कर रहा था। पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े चार प्रमुख तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 10 हाई-एंड सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल और 92 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। इन हथियारों में तुर्की निर्मित पीएक्स-5।7 पिस्तौल भी शामिल है, जिसका इस्तेमाल विशेष बल करते हैं।

Delhi Blast Update : विदेशी पिस्तौल और भारी में कारतूस बरामद

क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने शनिवार को बताया कि क्राइम ब्रांच को 19 नवंबर को सूचना मिली थी कि अंतरराज्यीय हथियार तस्कर विदेशी हथियारों की खेप पहुंचाने के लिए दिल्ली के रोहिणी इलाके में आ रहे हैं। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर मान सिंह और इंस्पेक्टर सुंदर गौतम की टीम ने रोहिणी सेक्टर-28 स्थित खाटू श्याम मंदिर के पास जाल बिछाया। इसी दौरान एक सफेद स्विफ्ट डिजायर कार वहां पहुंची। तलाशी में कार के स्पीकर बॉक्स के अंदर छिपा हुआ एक डफेल बैग मिला, जिसमें आठ विदेशी पिस्तौल और 84 कारतूस थे।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जालंधर निवासी मनिदीप सिंह, दलविंदर कुमार के रूप में हुई है। पूछताछ के दौरान दोनों ने खुलासा किया कि वे विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में थे और पूरे भारत में विभिन्न गिरोहों को हथियार सप्लाई करते थे। उसकी सूचना पर गिरोह के दो और सदस्य रोहन तोमर और अजय उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से दो और पिस्तौल और आठ कारतूस बरामद किये गये।

Delhi Blast Update : पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए की गई सप्लाई 

जांच में पता चला कि पाकिस्तान से रात में ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में हथियार गिराए गए थे। गिरोह जीपीएस लोकेशन के आधार पर पैकेट उठाता था। हथियारों को कार्बन पेपर में लपेटा गया था ताकि जांच के दौरान उनका पता न चल सके। यह गिरोह विदेश स्थित गैंगस्टर सोनू खत्री उर्फ राजेश कुमार के निर्देश पर संचालित किया जा रहा था, जो इस समय अमेरिका में है। उसका साथी जसप्रीत उर्फ जस आईएसआई समर्थित मॉड्यूल से हथियार खरीदता था।

गिरोह के सदस्यों की आपराधिक पृष्ठभूमि

मणिदीप सिंह हत्या, हत्या के प्रयास, गैंगस्टर एक्ट और एनडीपीएस समेत कई मामलों में वांछित है। वहीं आर्थिक तंगी के कारण दलविंदर हथियार तस्करी में शामिल हो गया। रोहन तोमर गोगी, भाऊ और नंदू गैंग को हथियार सप्लाई करता रहा है। इससे पहले उसके पास से 17 पिस्तौल और 700 कारतूस भी बरामद किये गये थे। अजय उर्फ मोनू भी कई गैंगों को सप्लाई करता था और पहले भी चोरी के मामलों में गिरफ्तार हो चुका है।

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