लालकिला क्षेत्र में धमाका, केंद्र और दिल्ली पुलिस पर सवाल, कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग

खबर सार :-
लालकिला के पास हुआ धमाका देश की सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी परीक्षा है। अभिषेक बनर्जी द्वारा कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग ने राजनीतिक हलकों में बहस तेज कर दी है। वहीं, जैसलमेर से लेकर दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस भयावह साजिश की सच्चाई उजागर करेगी।

लालकिला क्षेत्र में धमाका, केंद्र और दिल्ली पुलिस पर सवाल, कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग
खबर विस्तार : -

Delhi Lal Kila Blast: नई दिल्ली में लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए कार बम धमाके ने देश की राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने इस घटना को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है, तो इतनी बड़ी सुरक्षा चूक कैसे हो सकती है?

अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दिल्ली के लालकिला के पास हुए विस्फोट की खबर से मैं बेहद दुखी हूं। कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है और कई घायल हुए हैं। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) से कराई जाए ताकि असल जिम्मेदारों तक पहुंचा जा सके और किसी निर्दोष को सजा न मिले।

फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक पर भी उठाए सवाल

अभिषेक बनर्जी ने अपने पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि एक दिन पहले हरियाणा के फरीदाबाद से करीब 350 किलोग्राम विस्फोटक और एक असॉल्ट राइफल बरामद हुई थी। उन्होंने कहा कि इन दोनों घटनाओं को एक साथ देखने की जरूरत है क्योंकि यह देश की आंतरिक सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की तत्परता पर गंभीर सवाल उठाता है। सूत्रों के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल की गई कार दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी के नाम से रजिस्टर्ड थी। फिलहाल यह जांच का विषय है कि वाहन असल में किसके कब्जे में था और इसे दिल्ली तक कैसे लाया गया।

अमित शाह ने किया घटनास्थल का दौरा

धमाके के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार रात घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जांच के सभी कोणों से पड़ताल की जा रही है और किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा। इस जांच में दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी और फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की टीमें शामिल की गई हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी करते हुए सार्वजनिक स्थानों, मॉल, धार्मिक स्थलों और परिवहन केंद्रों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

जैसलमेर में हाई अलर्ट, सीमा पर सुरक्षा कड़ी

दिल्ली धमाके के बाद पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर जिले में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने देर रात से ही पूरे जिले में व्यापक नाकाबंदी के आदेश दिए। शहर के प्रवेश द्वारों, राष्ट्रीय राजमार्गों, पोकरण-जैसलमेर मार्ग और सीमा से लगते रास्तों पर पुलिस टीमें वाहनों की गहन जांच कर रही हैं। जैसलमेर में इन दिनों पर्यटन सीजन चरम पर है, जिसके चलते हजारों पर्यटक रोज़ाना यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल और धर्मशालाओं में आईडी जांच और सामान की तलाशी को अनिवार्य कर दिया है। शहर कोतवाल प्रेमदान रतनू के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। हर वाहन और व्यक्ति की जांच की जा रही है ताकि किसी भी संभावित खतरे को पहले ही रोका जा सके।

सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय

विशेषज्ञों का मानना है कि यह धमाका न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है। फरीदाबाद से मिले विस्फोटक और लालकिला धमाके के बीच कोई लिंक मिलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अब सवाल यह है कि क्या खुफिया तंत्र समय रहते इन घटनाओं को रोकने में विफल रहा, या फिर इसमें कोई बड़ी साजिश काम कर रही थी। फिलहाल जांच एजेंसियां हर संभावित एंगल पर काम कर रही हैं।

 

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