Cyclone Montha: बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, सरकार से मदद की आस

खबर सार :-
साइक्लोन मोंथा ने देश भर के कई राज्यों पर असर डाला है। साइक्लोन की वजह से बेमौसम बारिश हुई है, जिससे किसानों को काफी मुश्किल हो रही है। खेतों में पानी भरने से धान सड़ गया है। मौसम भी ठंडा हो गया है। किसान का कहना है कि अगर सरकारी मदद नहीं मिलेगी तो उनके लिए परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी।

Cyclone Montha: बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, सरकार से मदद की आस
खबर विस्तार : -

पूर्वी चंपारण: जिले में साइक्लोन मोंथ के असर के बाद पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। धान की पकी फसलें कटाई के बाद सूखने के लिए खेतों में पड़ी थीं, लेकिन बेमौसम बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। कटी हुई फसलें खेतों में भीगकर सड़ रही हैं, जिससे किसान निराश हैं।

बेमौसम बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर

किसानों का कहना है कि इस बेमौसम बारिश से काफी नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे धान की बालियां सड़ रही हैं। बंजरिया ब्लॉक के किसान रामविनय सिंह, अभिलाष कुमार, रविंद्र सिंह और शेख रहीम ने कहा कि पिछली बारिश में आधी फसल सड़ गई थी। अब इस आंधी और बारिश ने जो बची थी, उसे भी बर्बाद कर दिया है। वहीं, हरसिद्धि ब्लॉक के किसान राजू ठाकुर, अविनाश शेखर, विकास कुमार, रोहित सिंह, कन्हैया कुशवाहा और कई अन्य ने कहा कि यह कटाई और सुखाने का मौसम है, लेकिन अब खेतों में पानी भर गया है। धान सूखने के बजाय सड़ रहा है। अगर यही हाल रहा तो एक भी दाना नहीं बचेगा।

मक्का, तिलहन, दलहन और गेहूं जैसी फसलों को भी भारी नुकसान

मोतिहारी सदर ब्लॉक के हरेराम महतो, राजू कुशवाहा, अखिलेश सिंह और महेंद्र सहनी ने बताया कि बारिश का असर धान और गन्ने दोनों की फसलों पर साफ दिख रहा है। खेतों में पानी भरने से गन्ने की फसल झुक गई है। कई किसानों ने बताया कि लगातार नमी से उसके सड़ने का खतरा बढ़ गया है। इससे गन्ने की मिठास और चीनी की रिकवरी दोनों पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, खेतों में पानी भरने से शुगर मिल को समय पर गन्ना नहीं मिल पाएगा। आदापुर ब्लॉक के किसान सुंदरदेव राय, लालबाबू सिंह और लक्ष्मण यादव ने बताया कि साइक्लोन मोंथ के कारण हुई बेमौसम बारिश ने न सिर्फ धान और मक्का को नुकसान पहुंचाया, बल्कि तिलहन, दलहन और गेहूं जैसी रबी फसलों की बुआई में भी देरी हुई।

सरकार से मदद की उम्मीद लगाकर बैठे हैं किसान

किसानों ने बताया कि अब थाली में चावल के साथ-साथ दाल और रोटी का भी संकट गहरा रहा है। किसानों ने बताया कि तेज बारिश के साथ हवा सबसे खतरनाक है, इससे किसी भी फसल के बचने की उम्मीद न के बराबर हो जाती है। इसलिए, बेमौसम बारिश से निराश और परेशान किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए मौसम साफ होने की दुआ कर रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से मांग की है कि फसल के नुकसान का तुरंत सर्वे किया जाए और सही मुआवजा दिया जाए। किसानों का कहना है कि इस बेमौसम बारिश ने उनकी पूरे साल की मेहनत पर पानी फेर दिया है, अगर सरकार ने समय पर मदद नहीं की तो अगली फसल बोना भी मुश्किल हो जाएगा।

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