नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार दीपावली पर हरित पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार दीपावली को लेकर दिल्लीवासियों की भावनाओं और आस्था का सम्मान करती है और जनभावना तथा पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन आवश्यक है। इस पहल का उद्देश्य परंपराओं का सम्मान करते हुए प्रदूषण नियंत्रण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मज़बूत करना है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि दीपावली पर दिल्लीवासी एक अनोखा उत्साह, उमंग और उल्लास प्रदर्शित करते हैं। यह त्यौहार न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि दिल्ली की आर्थिक और सांस्कृतिक धड़कन का भी प्रतीक है। उन्होंने बताया कि दिल्लीवासी इस त्यौहार को भव्य और भव्य बनाने के लिए बड़े पैमाने पर आतिशबाजी का प्रयोग करते थे, लेकिन प्रदूषण और अन्य कई कारणों से इसे बंद कर दिया गया। मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार दीपावली पर प्रमाणित हरित पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध करेगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी ग्रीन पटाखे केवल अधिकृत संगठनों द्वारा ही निर्मित हों और सक्षम एवं संबंधित विभागों द्वारा प्रमाणित हों। उन्होंने दिल्लीवासियों से स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण में हर्षोल्लास और उत्साह के साथ दीपावली मनाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर, पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं। इन उपायों के बावजूद, उल्लंघन जारी है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यधिक प्रदूषणकारी पटाखों का उपयोग हो रहा है, जिससे दिल्ली में गंभीर प्रदूषण संकट पैदा हो रहा है। इसलिए, हमारी सरकार दिल्ली में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति देना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि दीपावली भारतीय संस्कृति का सबसे पवित्र और आनंदमय त्योहार है, जो अंधकार पर प्रकाश, अधर्म पर धर्म और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल हमारी धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता, पारिवारिक सद्भाव और आध्यात्मिक जागृति का भी प्रतीक है। दिल्ली के लाखों लोगों की भावनाएँ इस त्योहार से गहराई से जुड़ी हुई हैं। हमारी सरकार इन भावनाओं का सम्मान करती है और मानती है कि परंपरा और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखना समय की मांग है। हमारा मानना है कि ग्रीन पटाखों की अनुमति देने से छोटे व्यवसायों की परंपराओं, भावनाओं और आशाओं में नई जान आएगी। दिल्ली की अर्थव्यवस्था और संस्कृति एक साथ फल-फूलेंगे, और दिल्लीवासी इस त्योहार का उसी भव्यता के साथ आनंद ले पाएँगे।
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