भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रही है औरंगाबाद की आधी आबादी

खबर सार :-
औरंगाबाद की आधी आबादी जल संकट से जूझ रही है। दो दिन पहले पंप नंबर दो का मोटर जल जाने से लोग परेशान हैं। लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रही है औरंगाबाद की आधी आबादी
खबर विस्तार : -

बुलंदशहरः औरंगाबाद नगर पंचायत की लापरवाही के कारण कस्बे की आधी जनता भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है। दो दिन पूर्व पंप नंबर दो का मोटर जल गया और कस्बे में जल संकट पैदा हो गया है। जिम्मेदार अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे गूंगे-बहरे होकर खामोश हैं। 

भले ही योगी आदित्यनाथ सरकार ने नगर पंचायत औरंगाबाद की पेयजल आपूर्ति योजना के लिए दो करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि मुहैया करा दी हो, लेकिन वर्तमान में औरंगाबाद कस्बे की आधी जनता खासकर वह गरीब लोग जो अन्य कोई विकल्प न होने के कारण नगर पंचायत की टंकी से जलापूर्ति पर निर्भर हैं, ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है। 

जलापूर्ति की स्थिति यह है कि एक समय इस मोहल्ले में तो कभी दूसरे मोहल्ले में पानी की आपूर्ति की जाती है और अपने कर्तव्यों की औपचारिकता पूरी कर पेयजल आपूर्ति योजना पूरी कर दी जाती है। बताया जाता है कि दो दिन पूर्व कल्याण मंडप के सामने स्थित नगर पंचायत के पंप नंबर दो का मोटर जल गया मोटर जलने से कस्बे की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। अब चूंकि काम सरकारी है तो सरकारी तरीके से ही होगा। पेयजल आपूर्ति ठप होने से संपन्न लोगों के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि उनके घरों में हैंडपंप या टुल्लू पंप लगे हैं। लेकिन गरीब लोगों को पानी न मिलने से काफी परेशानी हो रही है। 

नगर पंचायत के कर्मचारियों का कहना है कि फुंकी हुई मोटर को जल्द ही ठीक करा दिया जाएगा, तभी जलापूर्ति पूरी तरह सुचारू हो पाएगी। विचारणीय प्रश्न यह है कि योगी सरकार द्वारा नगर पंचायत औरंगाबाद की पेयजल आपूर्ति के लिए आवंटित दो करोड़ रुपये का क्या समुचित उपयोग हुआ। और यदि दो करोड़ रुपये स्वीकृत होने के बाद कस्बे की पेयजल आपूर्ति योजना का यह हाल है तो प्रदेश सरकार कितने करोड़ रुपये स्वीकृत करे, जिससे कस्बे की सुचारू पेयजल आपूर्ति व्यवस्था संभव हो सके। इस संबंध में जब अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर से उनका पक्ष पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बीस दिन पहले मोटर फुंकी थी, जिसे ठीक करा दिया गया था। फिलहाल मोटर फुंकने या पेयजल आपूर्ति ठप होने की कोई जानकारी उन्हें नहीं है। टिकरी रोड पर ट्यूबवेल लगाने के लिए सरकार की ओर से दो करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे और अभी भी काफी पैसा बाकी है।

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