Danger To Earth : क्या गुजरते हुए तारे पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं? शोध में चौंकाने वाले खुलासे

खबर सार :-
इकारस पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि ब्रह्मांड की जटिलता और उसमें मौजूद अनिश्चितताओं को रेखांकित करता है। हमारे सौरमंडल में अस्थिरता को देखते हुए अगर कोई सूर्य जैसा चकमता तारा पृथ्वी के पास से गुजरता है तो वह हमारी पृथ्वी के लिए गंभीर खतरा हो सकता है। यह घटना दुर्लभ होगी लेकिन संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

Danger To Earth : क्या गुजरते हुए तारे पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं? शोध में चौंकाने वाले खुलासे
खबर विस्तार : -

Danger To Earth : एक नए खगोलीय शोध की रिपोर्ट ने हमारी पृथ्वी और पूरे सौरमंडल की स्थिरता को लेकर कुछ अप्रत्याशित आशंकाएं बढ़ा दी हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मांड में पृथ्वी के पास से गुजरता हुआ कोई तारा उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण गंभीर खतरा बन सकता है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अपने गुरुत्वाकर्षण से अपनी ओर खींच सकता है। ऐसी घटना हालाँकि बेहद दुर्लभ घटना मानी जाएगी लेकिन यह असंभव नहीं है।

Danger To Earth : सौरमंडल की अप्रत्याशित अस्थिरता और गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव

हजारों सिमुलेशन पर आधारित इस शोध में दावा किया गया है कि हमारा सौरमंडल जितना हमने पहले सोचा था, उससे कहीं ज्यादा अस्थिर हो सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि सूर्य के समान द्रव्यमान वाला कोई भी गुजरता हुआ तारा हमारी पृथ्वी के करीब यानी पर्याप्त रूप से हमारे सौरमंडल के करीब से गुजरता है तो वह गंभीर खगोलीय गड़बड़ी पैदा कर सकता है।

शोध के अनुसार, यदि कोई फील्ड स्टार (हमारे सूर्य के अलावा कोई अन्य तारा) 10,000 खगोलीय इकाइयों के भीतर से गुजरता है, तो उसका गुरुत्वाकर्षण प्रभाव काफी शक्तिशाली हो सकता है। यह प्रभाव सौरमंडल के बाहरी किनारे पर मौजूद बर्फीले आवरण, ऊर्ट क्लाउड को हिला सकता है। इसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव अंदर की ओर तरंगित हो सकते हैं, जिससे ग्रहों, जिनमें हमारी पृथ्वी भी शामिल है, की कक्षाओं में अस्थिरता आ सकती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह के व्यवधान की आशंका पहले के मॉडलों द्वारा सुझाए गए अनुमानों से कहीं अधिक है। 

Danger To Earth : पृथ्वी और अन्य ग्रहों पर संभावित खतरे

शोधपत्र में शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगले चार अरब वर्षों में, गुजरते हुए तारों को सौरमंडल में अस्थिरता पैदा करने के लिए सबसे अधिक प्रभावशाली कारक के रूप में देखा जा रहा है।
सिमुलेशन से पता चलता है कि बुध ग्रह की कक्षा सबसे अधिक कमजोर हो सकती है। बुध के लिए कक्षीय गड़बड़ी (वतइपजंस चमतजनतइंजपवद) की आशंका 50 से 80 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मंगल ग्रह को भी किसी खगोलीय पिंड से टकराकर गायब हो जाने का 0.3 प्रतिशत जोखिम है।

लेकिन, पृथ्वी के लिए संभावित परिणाम कहीं अधिक भयावह हो सकते हैंः

  • शोध से पता चलता है कि 0.2 प्रतिशत संभावना है कि पृथ्वी किसी दूसरे ग्रह से टकरा सकती है।
  • इससे भी बदतर स्थिति यह हो सकती है कि पृथ्वी को सूर्य की ओर धकेला जा सकता है, जिससे वह जलकर भस्म हो जाए।
  • या फिर, पृथ्वी को गहरे अंतरिक्ष में फेंक दिया जा सकता है, जहाँ वह जीवन के लिए असंभव ठंडी और निर्जन जगह बन जाएगी।

हालांकि, शोध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसी घटनाओं की संभावना बहुत कम है, लेकिन खगोलविदों के लिए यह एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि हमारे सौरमंडल की स्थिरता को बाहरी खगोलीय पिंडों से भी खतरा हो सकता है। 

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