Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा में 25 दिन में बना रिकॉर्ड, 3.83 लाख श्रद्धालुओं ने किया पवित्र गुफा का दर्शन

खबर सार :-
अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इस साल 25 दिनों में रिकॉर्ड 3.83 लाख श्रद्धालु पवित्र गुफा में पहुंचकर शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। सरकार की तरफ से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं।

Amarnath Yatra 2025: अमरनाथ यात्रा में 25 दिन में बना रिकॉर्ड, 3.83 लाख श्रद्धालुओं ने किया पवित्र गुफा का दर्शन
खबर विस्तार : -

श्रीनगरः अमरनाथ गुफा मंदिर हिन्दू धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है। यह पवित्र गुफा श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किमी दूर समुद्रतल से 13,600 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। इस पवित्र गुफा में स्वतः बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने वाले इस शिवलिंग का दर्शन करने के लिए आषाढ़ पूर्णिमा से रक्षाबंधन तक श्रद्धालुओं का तांता लगता है। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा एक नया रिकॉर्ड बना रही है। महज 25 दिनों में 3 लाख 83 हजार से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। अब यात्रा के समापन में केवल 12 दिन शेष हैं। प्रशासन का कहना है कि अंतिम चरण में श्रद्धालुओं की संख्या और भी तेज़ी से बढ़ सकती है। इस वर्ष यात्रा अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था और सुचारू संचालन के कारण काफी शांतिपूर्ण रही है।

सुरक्षा काफिले के साथ रवाना हुआ यात्रियों का जत्था

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को जम्मू से 1,490 तीर्थयात्रियों का नया जत्था दो सुरक्षा काफिलों के साथ रवाना किया। इसमें से एक काफिला बालटाल और दूसरा पहलगाम के लिए भेजा गया। बालटाल मार्ग से 327 तीर्थयात्रियों को लेकर 16 वाहन रवाना हुए जबकि पहलगाम मार्ग से 1,163 श्रद्धालुओं को लेकर 45 वाहन रवाना हुए। वहीं दूसरी तरफ नाग पंचमी के पावन अवसर पर श्रीनगर स्थित अमरेश्वर मंदिर में 'छड़ी पूजन' का आयोजन भी किया गया। यह पूजन पवित्र छड़ी 'छड़ी मुबारक' के साथ जुड़ा है, जो अमरनाथ यात्रा की धार्मिक आत्मा मानी जाती है। छड़ी मुबारक की अंतिम यात्रा 4 अगस्त को श्रीनगर से शुरू होगी और विभिन्न पूजा स्थलों से होती हुई 9 अगस्त को अमरनाथ गुफा मंदिर पहुँचेगी, जो इस यात्रा का औपचारिक समापन होगा।

विशेष सतर्कता बरत रही सरकार

इस वर्ष अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है, विशेष रूप से अप्रैल में हुए कायराना आतंकी हमले के मद्देनज़र, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। सुरक्षा एजेंसियों ने 8,000 से अधिक विशेष कमांडो, 180 सीएपीएफ कंपनियां और स्थानीय पुलिस बलों को तैनात किया है। इस बार हेलीकॉप्टर सेवाएं भी बंद रखी गई हैं, जिससे सभी यात्रियों को पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। पहलगाम मार्ग से 46 किलोमीटर लंबी यात्रा में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग अपेक्षाकृत छोटा (14 किमी) है, लेकिन अधिक कठिन भी है। बावजूद इसके, श्रद्धालु भारी संख्या में दोनों मार्गों से यात्रा कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यदि यही गति बनी रही तो यात्रा के अंत तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है—जो अब तक का एक नया कीर्तिमान हो सकता है।

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