बरेली घटना पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग, ऐदारा-ए-शरिया ने सौंपा ज्ञापन

खबर सार :-
बरेली हिंसा मामले में पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई जारी है। मौलाना तौकीर रज़ा के गुर्गों और रिश्तेदारों पर कार्रवाई की जा रही है। शरीयत एदारा-ए-शरिया ने प्रशासन द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की माँग की है। साथ ही, इस बुलडोजर कार्रवाई को असंवैधानिक भी करार दिया है।

बरेली घटना पर राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग, ऐदारा-ए-शरिया ने सौंपा ज्ञापन
खबर विस्तार : -

पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित ऐदारा-ए-शरिया ने बिहार के राज्यपाल से मुलाकात की और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मौलाना तौकीर रज़ा समेत कई मुस्लिम नागरिकों की गिरफ़्तारियों और उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले में उनके घरों को तोड़े जाने को असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक बताया गया है।

राज्यपाल से मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

ऐदारा-ए-शरिया के अध्यक्ष और पूर्व सांसद मौलाना गुलाम रसूल बलियावी के नेतृत्व में पाँच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि बरेली में स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई नागरिकों के मौलिक अधिकारों, ख़ासकर जीवन, स्वतंत्रता, आवास सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि बिना उचित प्रक्रिया के लोगों की गिरफ़्तारियाँ और उनके घरों को तोड़ा जाना भारतीय संविधान की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। ऐदारा-ए-शरिया ने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से तीन मुख्य माँगें कीं।

1. बरेली की घटनाओं की न्यायिक जाँच कराई जाए और मौलाना तौकीर रज़ा सहित सभी गिरफ़्तार मुस्लिम नागरिकों को तुरंत रिहा किया जाए।

2. जिन परिवारों के घर तोड़े गए हैं, उन्हें उचित मुआवज़ा और पुनर्वास प्रदान किया जाए।

3. उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए कि भविष्य में किसी भी समुदाय के मौलिक अधिकारों का हनन न हो।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

ऐदारा-ए-शरिया के सदस्यों ने कहा कि अगर ऐसी घटनाओं को नहीं रोका गया, तो देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक गरिमा को गंभीर नुकसान पहुँचेगा। संगठन ने विश्वास व्यक्त किया कि महामहिम राष्ट्रपति और भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और न्याय एवं निष्पक्षता सुनिश्चित करेंगे।

केंद्रीय ऐदारा-ए-शरिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के राज्यपाल को ऐदारा-ए-शरिया के संस्थापक अल्लामा अरशदुल कादरी (उन पर शांति हो) द्वारा लिखित 28 खंडों (पुस्तकों) का एक सेट भेंट किया।

प्रतिनिधिमंडल में एदारा-ए-शरिया के काजी-ए-शरिया मुफ्ती अमजद रजा अमजद, सदर मुफ्ती मुफ्ती हसन रजा नूरी, एदारा-ए-शरिया के मोहतमिम सैयद मौलाना अहमद रजा मोहतमिम, संयुक्त सचिव मौलाना गुलाम जिलानी और मोहम्मद आसिफ रजा शामिल थे।

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