Monsoon Session: 2.14 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें डिजिटली कनेक्ट हुईं: केंद्र सरकार

खबर सार :-
भारत सरकार की तरफ डिजिटल इंडिया के तहत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। इसी क्रम में गांवों में कनेक्टिविटी बढ़ने के दूरगामी परिणाम होंगे। डिजिटल कनेक्टिविटी से न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि यह गांवों को इंटरनेट के माध्यम से विकास की नई दिशा भी प्रदान करेगी।

Monsoon Session: 2.14 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें डिजिटली कनेक्ट हुईं: केंद्र सरकार
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारत सरकार ने बुधवार को संसद में जानकारी दी कि भारतनेट परियोजना के तहत देश में 2,14,325 ग्राम पंचायतों को डिजिटल तौर पर जोड़ा गया है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना और नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली इंटरनेट सेवाएं प्रदान करना है।

भारतनेट परियोजना: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि यह परियोजना गांवों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और इंटरनेट सेवाओं को पहुंचाने का काम कर रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए अवसर पैदा होंगे और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी। भारतनेट परियोजना के तहत अब तक 2.14 लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा गया है, जिससे सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम को और मजबूती मिली है।

मोबाइल टावर और 4जी सेवाओं का विस्तार

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि जून तक विभिन्न सरकारी वित्त पोषित मोबाइल परियोजनाओं के तहत देशभर में 21,748 मोबाइल टावर चालू कर दिए गए हैं। इन टावरों के माध्यम से दूरदराज और दुर्गम इलाकों में 4जी मोबाइल सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में संचार की सुविधाएं बेहतर हो रही हैं। इसके अलावा, सरकार ने 26,316 करोड़ रुपए की लागत से एक और महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य 4जी मोबाइल सेवाओं से वंचित गांवों में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं का विस्तार करना है।

दूरसंचार विभाग की प्रमुख परियोजनाएं

भारतनेट परियोजना के तहत, देश के दूरदराज और द्वीप क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कई नई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। सरकार ने बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और चेन्नई के बीच सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (2,312 किमी), कोच्चि और लक्षद्वीप के बीच (1,869 किमी) तथा लक्षद्वीप में 225 किमी का ओएफसी नेटवर्क निर्माणाधीन है। इन परियोजनाओं से इन द्वीपों में हाई-स्पीड इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।

बिना किसी भेदभाव के मिल रही सुविधा

केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि भारतनेट द्वारा निर्मित बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसका उपयोग बिना किसी भेदभाव के सेवा प्रदाताओं के लिए किया जा सकता है। इससे गांवों और दूरदराज के इलाकों में उच्च गुणवत्ता वाली ब्रॉडबैंड सेवाएं जैसे फाइबर टू द होम (FTTH), लीज्ड लाइन्स, और मोबाइल नेटवर्क तक बैकहॉल सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

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