हरि मंगल
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में चर्चा के जो प्रमुख बिंदु थे, उनमें स्पेसएक्स और टेस्ला के प्रमुख अमेरिकी अरबपति एलन मस्क का रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड टं्रप के पक्ष में प्रचार और सहयोग भी था। एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी को लगभग 25 करोड़ डालर का चंदा दिया था। इतनी बड़ी धनराशि चंदे के रूप में दिये जाने के कारण टं्रप और मस्क की नजदीकियां बढ गई थी। अमेरिका के चुनावी इतिहास में ऐसा उदाहरण कम मिलता है कि कोई उद्योगपति किसी प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर अपना समय, ज्ञान और पैसा लगाये। चुनाव जीतने के बाद जब टं्रप ने शपथ ग्रहण के बाद मस्क को ’’डिपार्टमेंट आफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’’, अर्थात खर्च में कटौती का विभाग, के प्रमुख का दायित्व सांंपा तो दोनों के बीच घनिष्ठ संबंधो को लेकर विश्व में चर्चा होने लगी। टं्रप प्रशासन की ओर से मस्क को बाकायदा ’विशेष सरकारी कर्मचारी’ का दर्जा प्रदान करते हुये प्रतिवर्ष 130 दिनों तक संघीय नौकरी करने की अनुमति प्रदान की गई थी।
ट्रंप ने एलन मस्क को भले ही महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व सौंप दिया था, लेकिन मस्क के फैसले राजनीतिक धरातल पर खरे न उतरने के कारण ट्रंप को परेशानी होने लगी। मार्च 2025 में खर्च में कटौती को लेकर मंत्रियों की बैठक में टं्रप के सामने मस्क का विदेश मंत्री मार्को रुबियो तथा परिवहन मंत्री सीन डफी से विवाद हो गया। इस विवाद के बाद ट्रंप ने यह तो कहा कि वह मस्क के साथ हैं, लेकिन निर्णय के तमाम अधिकार मस्क से वापस लेकर मंत्रियों को दे दिये गये और मस्क की टीम को सिर्फ सलाह देने तक सीमित कर दिया गया। इससे पहले एक अन्य घटना में मस्क ने स्वयं निर्णय करते हुये ’’डिपार्टमेंट आफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’’ से विवेक रामास्वामी को बाहर कर दिया, जबकि डीओजीई के गठन के समय एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी दी गई थी। डीओजीई के गठन में रामास्वामी की अहम भूमिका थी तथा टं्रप उन्हें देशभक्त अमेरिकी कहते हैं।
सरकार और मस्क से जुड़े विवाद अभी चल ही रहे थे कि ट्रंप द्वारा बजट विधेयक लाया गया। ट्रंप के इस ’वन बिग ब्युटीफुल बिल’ नामक विधेयक में टैक्स और खर्च से जुड़े तमाम प्रावधान है जिसमें 2017 में लागू किये गये टैक्स कटौती को अगले 10 वर्ष तक जारी रखना, अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर सुरक्षा के लिये दीवार बनाये जाने के लिये अधिक व्यय, स्वास्थ्य सहायता पर कठोर नियम और स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े कर लाभों में कटौती शामिल है। इस विधेयक में कुछ विवास्पद प्रस्ताव भी हैं, जैसे अमेरिका में रह रहे अप्रवासी नागरिक यदि अपने मूल देश में पैसा भेजते है तो उस पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाये जाने का प्रस्ताव है। भारत सहित अनेक देश के प्रवासी इस कानून से प्रभावित होंगे। दूसरी ओर इस विधेयक की आलोचना कर रहे मस्क की नाराजगी का कारण इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म करने का प्रस्ताव है। अमेरिका में बाइडेन सरकार नई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीद पर 7500 डॉलर की छूट देती थी, लेकिन टं्रप के विधेयक में इसे समाप्त करने का प्रावधान है। बिल में कहा गया है कि जो कम्पनियां 2009 से 2025 के बीच 2 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल बेच चुकी हैं, उन्हें छूट नहीं मिलेगी। इसका सीधा नुकसान एलन मस्क की टेस्ला को होगा।
ट्रंप ने इस विधेयक को अपने नीतिगत एजेंडे का हिस्सा बताते हुये कहा कि ’यह बड़ा और सुंदर विधेयक है। सुंदर इसलिये, क्यांकि इसमें हमारे पास बहुत सारी चीजें है। सरकार में रहते हुए मस्क ने इस विधेयक की सार्वजनिक रूप से आलोचना करते हुये कहा कि ’टं्रप की योजना बजट घाटे को कम करने के बजाय बढायेगी।’ यहीं से दोनों के बीच बढती दूरी सार्वजनिक हुई। इसी बीच मस्क ने ’’डिपार्टमेंट आफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी’’ के प्रमुख का पद 29 मई को छोड़ दिया। यद्यपि मस्क के संघीय सेवा की अवधि भी समाप्त होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इस समय तक दोनों के बीच रार नहीं छिड़ी थी। मस्क ने जहां टं्रप का आभार जताते हुये कहा कि उन्होंने मुझे अमेरिका का फालतू खर्च कम करने का अवसर दिया। वहीं दूसरी ओर ओवल कार्यालय में मस्क के लिये विदाई समारोह आयोजित किया।
’विशेष सरकारी कर्मचारी’ के पद भार से मुक्त होने के लगभग एक सप्ताह बाद ही दोनों के बीच मतभेद न केवल सतह पर आ गये अपितु एक दूसरे पर गम्भीर आरोप के साथ ही धमकी दिये जाने का दौर शुरू हो गया। आरोप और धमकियां का स्तर इतना छिछला और घटिया हो गया कि समूचा विश्व देख सुनकर हैरान हो गया। मस्क ने ट्रंप के विधेयक की आलोचना करते हुये उसे घृणित घृणा और अपमानजनक, अनावश्यक खर्चो से भरा कहा तो नाराज ट्रंप ने कहा कि मस्क निराश और सनकी है। इस पर पलटवार करते हुये मस्क ने टं्रप को एहसान फरामोश बताया। मस्क ने कहा कि बिना मेरे सहयोग के टं्रप चुनाव नहीं जीत सकते थे। इतना ही नहीं मस्क ने ट्रंप पर व्यक्गित हमला किया। एलन मस्क जब टं्रप पर सीधे हमले करने लगे तो टं्रप ने अपने सोशल मीडिया पर कहा कि वह मस्क की कंपनियों टेस्ला और स्पेसएक्स के सरकारी कांन्ट्रैक्ट्स और सब्सिडी खत्म करने के लिये समीक्षा करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा एलन मस्क की स्पेसएक्स और टेस्ला कंपनियों के सरकारी कांन्ट्रैक्ट्स और सब्सिडी खत्म करने के लिये समीक्षा किये जाने की धमकी के बाद मस्क के तीखे स्वर अचानक बदल गये। 11 जून को मस्क ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मै पिछले सप्ताह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में अपनी कुछ पोस्ट पर खेद जताता हूं। मस्क ने कहा कि पिछली पोस्टों में ट्रंप के बारे में कुछ ज्यादा ही बोल गया और यह बातें बहुत आगे निकल गईं। इसी के साथ स्पेसएक्स और टेस्ला के प्रमुख ने माफी मांगते हुये अपनी उन सभी पोस्टों को हटा दिया, जिसमें राष्ट्रपति पर तमाम आरोप लगाये गये थे। सबसे अच्छी बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने मस्क की माफी को स्वीकार कर लिया है। व्हाइट हाउस से कहा गया कि राष्ट्रपति ने एलन मस्क के माफीनामें को स्वीकार कर लिया है और उसकी सराहना की है। बताया जा रहा है कि मस्क ने एक दिन पहले राष्ट्रपति को फोन करके बात की थी। उसके अगले दिन ही सार्वजनिक माफीनामा सामने आया है। मस्क के लिये राहत भरी खबर यह है कि व्हाइट हाउस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि मस्क की कंपनियों को दिये गये सरकारी कांन्टै्रक्ट्स और सब्सिडी समाप्त करने के लिये समीक्षा नहीं की जा रही है। एलन मस्क के माफीनामें और राष्ट्रपति द्वारा उसे स्वीकार किये जाने के बाद ट्रंप की सर्वोच्चता बरकरार है।
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