वाशिंगटन: परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक बार फिर अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की स्थिति बन सकती है। Trump की सरकार ने ईरान को साफ चेतावनी दी है कि अगर उसने अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ा तो उसे इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट का कहना है कि अमेरिका की प्राथमिकता है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार हासिल न कर पाए। डोनाल्ड ट्रंप कूटनीति के जरिए समाधान निकालने के पक्षधर हैं। लेकिन अगर कूटनीति विफल हो जाती है तो दूसरे कदम उठाए जा सकते हैं। प्रेस सचिव ने संकेत दिया कि अगर ईरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपने इरादे नहीं बदलता है तो बेहतर नतीजों की उम्मीद नहीं की जा सकती।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अगर ईरान परमाणु विकास कार्यक्रम के शांतिपूर्ण उद्देश्य की गारंटी नहीं देता है तो उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई तय है। वार्ता में अमेरिकी टीम का नेतृत्व ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकाफ और ईरानी टीम का नेतृत्व उनके विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची कर रहे हैं।
लेकिन दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत नहीं हो रही है। दोनों पक्ष अलग-अलग कमरों में बैठे हैं और वे ओमान के विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी के जरिए बात कर रहे हैं। यह जानकारी ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बागेई ने एक्स पर दी।
इस भूमिका में उन्होंने ईरान से कई विदेशी नागरिकों को रिहा करवाया है। लेकिन अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सशंकित है। अमेरिका को लगता है कि ईरान यूरेनियम शोधन का स्तर बढ़ा रहा है और वह परमाणु बम बनाने की तैयारी कर रहा है।
इसी के चलते ट्रंप कई बार ईरान पर बमबारी करने की चेतावनी दे चुके हैं। जबकि ईरान ने भी साफ कर दिया है कि अगर अमेरिका ईरान पर हमला करता है तो इस क्षेत्र में स्थित अमेरिकी ठिकाने उसके निशाने पर होंगे।
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