ईरानी राष्ट्रपति से पीएम ने की बात

खबर सार :-
ईरानी राष्ट्रपति से बात करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि दो देशों में तनाव व संघर्ष बढ़ने पर उन्हें इसकी चिंता है। इसको तत्काल कम करने, वार्ता और कूटनीति का सहारा लेकर समाधान निकालने के प्रयास करने चाहिए।

ईरानी राष्ट्रपति से पीएम ने की बात
खबर विस्तार : -

लखनऊ,  रविवार को ईरान-इजरायल संघर्ष में अमेरिका के आ जाने से और अधिक गंभीर हो गया है। इसीलिए पीएम ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से फोन पर बात की। प्रधानमंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युद्ध से उत्थान नहीं होता है। मौजूदा स्थिति को लेकर नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो देशों में तनाव बढ़ने पर उन्हें चिंता हो रही है। तनाव को तत्काल कम करने, वार्ता और कूटनीति का सहारा लेने के लिए उन्हांने आह्वान किया है। ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद कई देशों की राय भिन्न हुई है। इजराइल-ईरान युद्ध के क्षेत्र में फैलने की आशंका भी बढ़ गई है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। गुरूवार को कहा था कि वह ईरान के खिलाफ युद्ध में इजराइल का साथ देंगे। इसके लिए उन्होंने दो सप्ताह में फैसला लेने की बात कही थी। पीएम ने कहा कि महज दो दिन में फैसला कर लिया। यह भी याद दिलाया कि अमेरिका इजराइल के अभियान में शामिल हो गया। बता दें कि रविवार तड़के ईरान पर अमेरिका ने हमला कर दिया। इससे ईरान के तीन न्यूक्लियर पॉवर प्लांट ध्वस्त हो गए। 

अमेरिकी हमलों से ईरान के नुकसान का अभी तक आंकलन नहीं किया गया है। डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह कह रहे थे कि वह ईरान के शर्त न मानने पर उस पर सैन्य कार्रवाई करेगा। ईरान ने पलटवार किया और अमेरिका के इजराइल को साथ देने पर वह उस पर हमला करेगा। अमेरिका के अमले के बाद से विश्व में संगठनों की अलग-अलग राय बनी है। लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम ने भी अपने देश को युद्ध से दूर रहने की जरूरत बताई। सलाम ने एक्स पर एक पोस्ट कर अपनी बात कही। उन्होंने भी सर्वोच्च राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखना जरूरी बताया है। तटस्थ राष्ट्रों में लेबनान भी आगे आया है। यहां से कहा गया है कि उनका देश क्षेत्रीय टकराव में शामिल होकर कुछ कर नहीं पाएगा। 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने रविवार के हालात देखकर चिंता व्यक्त की है। ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों को लेकर उन्होंने इसे अच्छा नहीं माना। गुतारेस ने पहले ही चिंता जता दी थी कि दो देशों का संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हुआ तो नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम साबित होंगे। यह बात उन्होंने एक्स पर लिखी। मगर, यह युद्ध ऐसा है, जिससे विनाषकारी परिणाम सामने आ सकते हैं, लेकिन किसी भी देश ने अब तक समझौता कराने की कोशिश नहींं की। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने दोनों देशों से कहा कि आप वार्ता की ओर लौटें। ठीक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युद्ध को सभ्य समाज की जरूरत नहीं मानते हैं। 
 

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