Rafale Fake News : राफेल पर पाक-चीन की साजिश का खुलासा, डसॉल्ट एविएशन ने फर्जी दावों को किया खारिज

खबर सार :-
डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने उन फर्जी दावों को खारिज किया है जिनमें भारत के राफेल लड़ाकू विमान को पाक के साथ सैन्य तनातनी में गंवाने की बात कही गई थी। फ्रांसीसी अधिकारियों ने खुलासा किया कि पाक और चीन मिलकर राफेल के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैला रहे थे, जिसमें फर्जी तस्वीरें और AI कंटेंट का इस्तेमाल किया गया। इस साजिश का मकसद राफेल की साख को नुकसान पहुंचाना है।

Rafale Fake News : राफेल पर पाक-चीन की साजिश का खुलासा, डसॉल्ट एविएशन ने फर्जी दावों को किया खारिज
खबर विस्तार : -

Rafale Fake News : पाक और चीन की साजिश का पर्दाफ़ाश करते हुए, राफेल बनाने वाली कम्पनी डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने उन सभी दावों और खबरों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि भारत-पाक सैन्य कार्रवाई के दौरान भारत के राफेल लड़ाकू विमान पाक ने गिरा दिए थे। यह स्पष्टीकरण उन झूठी खबरों पर विराम लगाता है जो जान बूझकर फैलाई जा रही थीं।

Rafale Fake News : पाक और चीन की पोल खुली, सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार

फ्रांसीसी अधिकारियों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है कि पाक और चीन मिलकर राफेल लड़ाकू विमान के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठी व भ्रामक खबरें फैला रहे थे। उनकी इस साजिश में राफेल के मलबे की फर्जी तस्वीरें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बने कंटेंट और 1,000 से भी ज्यादा नए बनाए गए सोशल मीडिया अकाउंट शामिल थे। इस पूरे अभियान का मुख्य मकसद चीनी सैन्य तकनीक को बेहतर दिखाना और राफेल की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाना था।

Rafale Fake News : राफेल को निशाना क्यों बनाया जा रहा?

फ्रांसीसी खुफिया जानकारी के अनुसार, चीन और पाक की यह एक सुनियोजित साजिश है जिसका निशाना वे देश हैं जिन्होंने राफेल खरीदा है या खरीदने का विचार कर रहे हैं। फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि राफेल के खिलाफ कुछ देश झूठ का जाल बुन डसॉल्ट एविएशन को बदनाम करना चाहते हैं,  ताकि चीनी हथियारों को दुनिया में बेहतर बताया जा सके।

Rafale Fake News : राफेल लड़ाकू विमान कई देशों को निर्यात किया गया 

मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर इस बात पर जोर दिया है कि राफेल को यूं ही निशाना नहीं बनाया गया। यह एक बेहद सक्षम लड़ाकू विमान है जिसे कई देशों को निर्यात किया गया है और इसे बड़े सैन्य अभियानों में भी सफलतापूर्वक तैनात किया गया है। मंत्रालय ने आगे कहा कि राफेल सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि फ्रांस की रणनीतिक ताकत का प्रतीक है। इसे बदनाम करके कुछ ताकतें फ्रांस की साख, उसकी रक्षा तकनीक और भरोसेमंद साझेदारियों को कमजोर करना चाहती हैं। यह घटना दर्शाती है कि आधुनिक युद्ध केवल मैदान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सूचना युद्ध भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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