Ayatollah Khamenei Iran Warning : खामेनेई बोले – “ईरानी वो नहीं जो सरेंडर कर दें”

खबर सार :-
Ayatollah Khamenei Iran Warning : ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अमेरिका और इज़राइल को चेताया—ईरानी कभी सरेंडर नहीं करते। ट्रंप बोले, हम जानते हैं कहां छिपे हैं।

Ayatollah Khamenei Iran Warning : खामेनेई बोले – “ईरानी वो नहीं जो सरेंडर कर दें”
खबर विस्तार : -

Ayatollah Khamenei Iran Warning : मध्य-पूर्व एक बार फिर एक बड़े युद्ध की दहलीज पर नजर आ रहा है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर शुरू हुई इजराइल से तनातनी की आंच अब सीधे अमेरिका तक पहुंच चुकी है। इसी सिलसिले में ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति के सरेंडर करने वाले बयान पर तीखा और करारा हमला बोला है। उन्हेांने एक तीखा बयान जारी कर अमेरिका को चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो उसका जवाब “अपूरणीय क्षति” के रूप में मिलेगा।

अमेरिका को चेतावनीः ईरानी झुकने वालों में नहीं

ईरान के सर्वाेच्च नेता खामेनेई ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा, अगर धमकी देने वाले लोग ईरान और इसके इतिहास को समझते हैं, वे हमसे ऐसी भाषा में बात नहीं करते। ईरानी वो नहीं हैं जो सरेंडर कर दें। उनका यह बयान सीधे तौर पर अमेरिका और विशेष रूप से डोनाल्ड ट्रंप के बयानों का करारा जवाब माना जा रहा है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने ईरान के नेतृत्व को लेकर बहुत तीखे बयान दिए हैं। खामेनेई ने स्पष्ट कर दिया कि ईरान अपनी संप्रभुता और आत्मसम्मान के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि अमेरिका ने कोई सैन्य कदम उठाया, तो परिणाम उसकी सोच से परे होंगे।

डोनाल्ड ट्रंप का बयानः “हम जानते हैं कहां छिपे हैं”

इस विवाद की शुरुआत ट्रंप के उस बयान से हुई जिसमें उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा, हम जानते हैं कि इरान के तथाकथित सुप्रीम लीडर कहां छिपे हुए हैं। वह एक आसान निशाना हैं, लेकिन अभी हम उन्हें नहीं मारने जा रहे। इस बयान से अमेरिका-ईरान के रिश्तों में और तनाव काफी बढ़ गया है। 
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका आम नागरिकों और अपने सैनिकों पर किसी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं करेगा। ट्रम्प ने आगे कहा कि उनका सब्र अब खत्म होता जा रहा है। यह बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भी चिंता का विषय बन गया है क्योंकि यह आने वाले सैन्य कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। 

इज़राइल के हमले से भड़का ईरान, बढ़ सकती है क्षेत्रीय अस्थिरता

13 जून को इज़राइल ने ईरान के हमला किया था। इजराइल ने कहा था कि उसने इरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों पर हमला किया है। इस हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ चुका है। दोनों ही एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं।
विशेषज्ञों की माने तो अगर यह संघर्ष खुला युद्ध बन जाता है तो पूरा मध्य-पूर्व अशांति में घिर सकता है और इसका असर तेल आपूर्ति, वैश्विक बाजार और सुरक्षा पर पड़ेगा। अमेरिका, इज़राइल और ईरान के बीच बनी यह त्रिकोणीय तनातनी विश्व शांति के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही है।

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