Duchess of Kent: ब्रिटेन का शाही परिवार अपनी सबसे बुजुर्ग सदस्य कैथरीन डचेस ऑफ केंट (Katharine, Duchess of Kent) के निधन पर शोक मना रहा है। दरअसल डचेस कैथरीन का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में केंसिंग्टन पैलेस में निधन हो गया, जो उनका पुराना निवास स्थान था। शुक्रवार को बकिंघम पैलेस ने उनकी निधन की घोषणा की।
बकिंघम पैलेस ने घोषणा की है कि डचेस ऑफ़ केंट कैथरीन का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद, वह शाही परिवार की सबसे बुजुर्ग सदस्य थीं। 22 फरवरी 1933 को कैथरीन लूसी मैरी वॉर्स्ली के रूप में जन्मीं, वह विवाह से ब्रिटिश शाही परिवार की सदस्य थीं। कैथरीन का जन्म यॉर्कशायर के एक पुराने परिवार में हुआ था। उनके पिता, सर विलियम वॉर्स्ली, होविंगहैम हॉल के चौथे बैरोनेट थे।
कैथरीन डचेस 1960 के दशक की शुरुआत में शाही परिवार का हिस्सा बनीं, जब उन्होंने दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के चचेरे भाई, ड्यूक ऑफ़ केंट, प्रिंस एडवर्ड से विवाह किया था। वह शाही परिवार के समारोहों में अक्सर शामिल होती थीं। उनके तीन बच्चे हैं: जॉर्ज, अर्ल ऑफ़ सेंट एंड्रयूज़, लेडी हेलेन टेलर और लॉर्ड निकोलस विंडसर। हालांकि उन्होंने चौथे बच्चे को भी जन्म दिया लेकिन दुर्भाग्य से वह मृत पैदा हुआ।
इस भयानक क्षति के बाद डचेस का सात सप्ताह तक अस्पताल में इलाज चला। बाद में उन्होंने बताया कि उनका तीव्र अवसाद का इलाज चल रहा था। कई वर्षों तक उन्होंने अपने पति के साथ शाही कर्तव्यों का निर्वहन किया और ब्रिटेन और विदेशों में आधिकारिक कार्यक्रमों में दिवंगत महारानी का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कई चैरिटी संस्थाओं, खासकर समरिटन्स का भी समर्थन किया। 2004 में फ्यूचर टैलेंट चैरिटी की स्थापना की और यूनिसेफ की राजदूत के रूप में भी काम किया।
दरअसल कैथरीन ने 1990 के दशक में तब सुर्खियां बटोरीं जब वह 300 से ज़्यादा वर्षों में रोमन कैथोलिक धर्म अपनाने वाली पहली शाही महिला बनीं। उम्मीद है कि उनके धर्म परिवर्तन के बाद उनका अंतिम संस्कार कैथोलिक रीति से किया जाएगा। सदियों में ब्रिटिश शाही परिवार के किसी सदस्य का यह पहला अंतिम संस्कार होगा।
बता दें कि 2002 में शाही परिवार से सेवानिवृत्त होने तक। उनकी सबसे चर्चित शाही उपस्थिति हर गर्मियों में विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप के दौरान होती थी, जहां वह रॉयल बॉक्स से मैच देखती थीं। चैंपियनशिप मैचों के बाद भी डचेस अक्सर कोर्ट पर मौजूद रहती थीं, जहां वह विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान करती थीं और उपविजेता खिलाड़ियों को सांत्वना देती थीं।
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