Indonesia Protest: दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में विरोध प्रदर्शन और उग्र हो गया है। एक हफ्ते से चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में संसद भवन समेत कई इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री सहित कई राजनेताओं के घरों में लूटपाट की। इस दौरान पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग जिसमें कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। फिर भी विरोध प्रदर्शन और हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। यह इंडोनेशिया में बीते 2 दशक में हुई सबसे बड़ी हिंसा है। दरअसल डिलीवरी बॉय की मौत के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हैं। इससे सरकार के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल हो रहा है।
बता दें कि सांसदों के वेतन में वृद्धि के खिलाफ इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता समेत देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन चल रहा है। करीब 10 दिन पहले पता चला था कि इंडोनेशिया के 580 सांसदों को उनके वेतन के अलावा हर महीने 50 लाख रुपिया (करीब 3,075 डॉलर) आवास भत्ता मिल रहा है, जो राजधानी के न्यूनतम वेतन से 10 गुना ज़्यादा है। वहीं महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह आग में घी डालने जैसा साबित हुआ। इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
लेकिन यह विरोध प्रदर्शन उस वक्त उग्र हो गया जब जकार्ता में पुलिस ने कथित तौर पर 21 वर्षीय डिलीवरी बॉय को कुचलकर मार डाला। इससे असंतोष भड़क उठा और जावा से लेकर बाली और लोम्बोक द्वीपों तक पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन समेत कई इमारतों में आग लगा दी।
हालांकि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो और पुलिस प्रमुख ने अफान की मौत के लिए माफी मांगी थी , लेकिन विरोध प्रदर्शन और हिंसा जारी है। इंडोनेशियाई सरकार ने सोमवार तक विरोध प्रदर्शनों में 8 लोगों की मौत की पुष्टि की है। जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं 1,200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस हिंसक प्रदर्शन की वजह से इंडोनेशिया को 28.22 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में उथल-पुथल के बीच, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि विरोध प्रदर्शन किस ओर जाएगा। विशेषज्ञ इसे 2024 में राष्ट्रपति बनने के बाद से प्रबोवो के नेतृत्व के लिए सबसे गंभीर चुनौती मान रहे हैं। हिंसा के बाद, पुलिस ने शहरों में चौकियां स्थापित कर दी हैं। सेना तैनात कर दी गई है और प्रमुख स्थानों पर स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं। हालाँकि, देश के प्रमुख शहरों में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है।
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