लखनऊ, भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह चीन में भी पाकिस्तान की घेराबंदी करने से नहीं चूके। वैसे तो चीन के किंगदाओ में एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन था, लेकिन आतंकवाद विषय को हल्के में लेने से भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नाराज हो गए। अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। श्री सिंह ने देश का गौरव बढ़ाते हुए पाकिस्तान के आतंकी प्रेम और चीन से मित्रता के कारणों पर भी तीखा हमला किया। उनका इशारा ऑपरेशन सिंदूर के समय पाक के इस्तेमाल किए गए सामरिक उपकरणों से था। बहरहाल, जब राजनाथ सिंह बोल रहे थे, तब पाक के रक्षामंत्री आसिफ ख्वाजा खामोशी से सुन रहे थे। चीन भी श्री सिंह की तार्किक वाकपटुता के सामने स्तब्ध रहा।
सम्मेलन में तमाम और मुद्दों पर बात होनी थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि जब कभी भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जाएगी, भारत उसका कड़े अंदाज में जवाब देगा। श्री सिंह जब अपनी बात रख रहे थे, तब उनके सामने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा सामने सुन रहे थे। ख्वाजा के पास बोलने के लिए कुछ भी नहीं था। राजनाथ सिंह के चुने हुए शब्दों में शालीनता के साथ आक्रामकता भी थी। उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। यानी जिस मुद्दे को चीन में उठाया जा रहा था, उसमें आतंकवाद को गंभीर नहीं माना जा रहा था। इसीलिए श्री सिंह ने कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति का पालन कर रहा है। उन्होंने कई देशों के रक्षामंत्रियों के बीच अपनी बात को साक्ष्यों के साथ रखा। भारतीय रक्षामंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन की मदद से पहलगाम आतंकी हमले पर 25 अप्रैल के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान से टीआरएफ का नाम हटवाने में कामयाबी हासिल की थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पार से की गई आतंकी वारदात का भारत ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो ऐसी कार्रवाई से भारत पीछे नहीं हटेगा।
पाक रक्षामंत्री को यह बताने की कोशिश की कि पाकिस्तान ने एससीओ दस्तावेज में आतंकवाद से ध्यान हटाने की कोशिश की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन के उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किया, जिसमें आतंकवाद और पहलगाम आतंकी हमले पर भारत का रुख कमजोर दिखाया जा रहा था। आतंकवाद के मुद्दे पर चीन में भी मतभेद बना रहा। एससीओ ने संयुक्त बयान भी जारी नहीं किया। सूत्रों ने बताया कि एससीओ की अध्यक्षता करने वाले चीन और पाकिस्तान ने दस्तावेज में आतंकवाद से ध्यान हटाने की कोशिश की।
पाक रक्षामंत्री आसिफ ख्वाजा के साथ भारत की कोई विनम्रतापूर्ण बातचीत नहीं हुई। दोनों देशों के रक्षामंत्रियो में तनाव स्पष्ट था। शिखर सम्मेलन में संगठन के नेताओं में चीन, रूस, पाकिस्तान और भारत शामिल हुए थे। एससीओ शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में सिंह ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। लेकिन उस पर तीखा हमला जरूर किया। उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने में लगे हैं। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि इस तरह के दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
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