नई दिल्लीः भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद से ही पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेरने और पटखनी देने की रणनीति तैयार कर ली है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड से भातर का प्रतिनिधित्व करने वाले कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में भारत ने अस्थायी तौर पर परमेश्वरन अय्यर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में डायरेक्टर बनाया है। अब वह इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था में भविष्य में होने वाली सभी बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत सरकार की ओर से किया जाने वाला यह बदलाव बहुत ही अहम माना जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान को दिए जाने वाले फंड पर 09 मई को आईएमएफ में रिव्यू बैठक होने वाली है, जिसमें परमेश्वरन अहम भूमिका निभाएंगे।
आईएमएफ में फंड के रिव्यू को लेकर 09 मई को होने वाली बैठकों में दुनिया के विभिन्न देशों को दिए जाने वाले फंड्स पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान दो महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा होने वाली है, जो सीधे-सीधे पाकिस्तान से जुड़े हैं। इनमें पहला मामला क्लाइमेट रेजिलिएंस लोन प्रोग्राम से जुड़ा है, जिसमें उसे 1.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 11 हजार करोड़ रुपये दिए जाने हैं। इस पर रिव्यू मीटिंग में चर्चा के बाद फैसला होना है। वहीं, दूसरा मामला पाकिस्तान के लिए जारी 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज को लेकर है, जिसकी पहली समीक्षा की जानी है। ऐसे में परमेश्वरन की भूमिका आईएमएफ में बहुत ही अहम होने वाली है
परमेश्वरन अय्यर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए अस्थायी रूप से नियुक्त किया गया है। 9 मई को आईएमएफ की महत्वपूर्ण बैठक में, अय्यर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इससे पहले, अय्यर नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं। अय्यर को यह जिम्मेदारी 30 अप्रैल को आईएमएफ के बोर्ड में भारत के नामित निदेशक के रूप में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद दी गई है। इस बीच, श्रीलंका के वैकल्पिक कार्यकारी निदेशक हरिश्चंद्र पहाथ कुम्बुरे गेदारा ईडी के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। परमेश्वरन अय्यर विश्व बैंक समूह में बांग्लादेश, भूटान, भारत और श्रीलंका का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
परमेश्वरन अय्यर जुलाई 2022 से फरवरी 2023 तक भारत के राष्ट्रीय थिंक टैंक नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रह चुके हैं। दरअसल परमेश्वरन अय्यर 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वह देश के जाने-माने स्वच्छता विशेषज्ञ हैं। अय्यर ने 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें 2016 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का सचिव बनाया गया था। परमेश्वरन अय्यर का स्वच्छता अभियान में अहम योगदान माना जाता है। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए गांवों में करीब 9 करोड़ शौचालय बनवाए थे, जिससे खुले में शौच करने वालों की संख्या में काफी कमी आई। वह यूएन में भी काम कर चुके हैं। इसके साथ ही उन्हें वरिष्ठ ग्रामीण जल स्वच्छता विशेषज्ञ के रूप में भी जाना जाता है। अय्यर को वर्ष 2030 तक के लिए वाटर रिसोर्सेज ग्रुप के प्रोग्राम मैनेजर भी हैं।
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