ब्राजील हस्तांतरण करेगा लखनऊ को कचरा प्रबंधन तकनीकी

खबर सार :-
डेलीगेशन ने लखनऊ नगर निगम की कचरा निस्तारण तकनीक की विशेष सराहना करते हुए भूमि ग्रीन एनर्जी जैसी कंपनियों के साथ भविष्य में साझेदारी की इच्छा भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ब्राजील में भी इसी तरह की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, ताकि वहां की कचरा प्रबंधन प्रणाली को बेहतर और प्रभावी बनाया जा सके।

ब्राजील हस्तांतरण करेगा लखनऊ को कचरा प्रबंधन तकनीकी
खबर विस्तार : -

लखनऊः ब्राजील के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को लखनऊ नगर निगम के शिवरी प्लांट का दौरा किया। इस डेलीगेशन का नेतृत्व महापौर सुषमा खर्कवाल ने किया। इस अवसर पर डेलीगेशन के सदस्यों को लखनऊ नगर निगम के कचरा निस्तारण की प्रक्रिया, विशेषकर फ्रेश वेस्ट और लीगेसी वेस्ट के प्रबंधन और निपटान की विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान अपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद कुमार राव और पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान उपस्थित रहे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख अधिकारी

इस डेलीगेशन में कामरा इंडो ब्राजीलेइरा के सीईओ पाउलो अज़ेवेडो और सीओओ गुस्तावो रामोस प्रमुख रूप से शामिल रहे। उन्होंने शिवरी प्लांट का दौरा कर इसके तकनीकी पहलुओं की सराहना की। पाउलो अज़ेवेडो ने कहा कि भारत, विशेषकर लखनऊ नगर निगम द्वारा ठोस कचरे के निस्तारण में जो उन्नत तकनीक अपनाई गई है, उसे ब्राजील के विभिन्न शहरों में लागू किया जा सकता है। ब्राजील डेलीगेशन ने लखनऊ नगर निगम और महापौर से भारत और ब्राजील के बीच तकनीकी हस्तांतरण और साझेदारी को मजबूत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की स्थितियां काफी हद तक एक जैसी हैं। भारत की उन्नत तकनीक से ब्राजील को भी कचरा निस्तारण की चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है। प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के साथ विभिन्न परियोजनाओं में सहयोग हेतु एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर की संभावनाओं पर भी चर्चा की।

भू-राजनीतिक सहयोग पर जोर

प्रतिनिधिमंडल ने भारत और ब्राजील के बीच भू-राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अन्य देशों की अपेक्षा भारत और ब्राजील के बीच तकनीकी और व्यावसायिक संबंध और मजबूत हो सकते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर भारत सरकार और लखनऊ नगर निगम को भविष्य की परियोजनाओं के लिए ब्राजील में संभावित सहयोग का न्योता भी दिया। ब्राजील डेलीगेशन ने लखनऊ नगर निगम से आग्रह किया कि वे एथनॉल उत्पादन, कचरे से ऊर्जा उत्पादन और अन्य कृषि-आधारित उद्योगों में भी सहयोग करें। उन्होंने कहा कि ब्राजील में ठोस कचरे के निस्तारण की कंपनियां बहुत कम हैं और वहां की प्रक्रिया भी उतनी प्रभावी नहीं है जितनी भारत में, विशेषकर लखनऊ में लागू की गई है। इसीलिए, वे भारत से तकनीक और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का हस्तांतरण करना चाहते हैं।
 

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