दोहाः एक सप्ताह से अधिक समय तक चले भीषण सीमा संघर्ष के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति बन गई है। यह समझौता कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में दोहा में आयोजित एक उच्चस्तरीय वार्ता के बाद हुआ। इस बैठक में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। पिछले दिनों पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान के पक्तिका क्षेत्र में किए गए हवाई हमलों में कई नागरिकों की मौत की खबर आई थी, जिनमें तीन अफगान क्रिकेटर की भी मौत हुई थी। यह हमला पाकिस्तान ने 48 घंटे के युद्धविराम के तुरंत बाद किया था, जिसे दोनों देशों ने पहले ही स्वीकार किया था। इस घटना ने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया था।
शांति की दिशा में पहल
कतर के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि दोनों पक्षों ने स्थायी शांति और स्थिरता के लिए एक तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई है। आगामी दिनों में वार्ता की श्रृंखला जारी रहेगी ताकि युद्धविराम की निरंतरता सुनिश्चित की जा सके। पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य अफगान सीमा से उत्पन्न आतंकवाद को समाप्त करना और सीमा पर स्थिरता बहाल करना है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने पहले सात युद्धों को समाप्त करने का दावा किया था, इस बार पाकिस्तान-अफगानिस्तान विवाद को सुलझाने में सक्रिय भूमिका नहीं निभा सके। वहीं, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी आतंकी समूह को पनाह नहीं दे रहा है। यह समझौता न केवल क्षेत्रीय शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह दर्शाता है कि कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से भीषण संघर्षों को समाप्त किया जा सकता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह युद्धविराम कितनी स्थायित्व प्राप्त करता है और क्या दोनों देश वाकई स्थायी समाधान की ओर बढ़ते हैं।
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