Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले मनोज बाजपेयी-“लोगों को भी सुरक्षित रहने का अधिकार”

खबर सार :-
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर शेल्टर में भेजने के आदेश के बाद देशभर में बहस छिड़ गई है। इस फैसले पर बॉलीवुड दो हिस्सों में बंटा दिखा—कुछ सितारों ने विरोध किया, तो कुछ ने समर्थन। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जानवरों के साथ इंसानों को भी सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है। उन्होंने हमदर्दी और संतुलन के साथ समाधान निकालने की बात कही है।

Stray Dogs: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले मनोज बाजपेयी-“लोगों को भी सुरक्षित रहने का अधिकार”
खबर विस्तार : -

मुंबईः सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर शेल्टर होम में स्थानांतरित करने के आदेश के बाद देशभर में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। जहां एक ओर पशु प्रेमी और कई बॉलीवुड सितारे इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, वहीं अभिनेता मनोज बाजपेयी ने एक संतुलित और संवेदनशील रुख अपनाया है।

मनोज बाजपेयी ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा कि इन जानवरों ने सड़कों को नहीं चुना, और ये हम सबके प्यार के हकदार हैं। साथ ही, लोगों को भी सुरक्षित महसूस करने का हक है। हमें उनके भाग्य का फैसला डर के साए में नहीं, बल्कि हमदर्दी के साथ करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनाया था फैसला

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन शामिल हैं, ने 11 अगस्त को यह आदेश पारित किया। आदेश में दिल्ली और एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में ले जाने, उनका वैक्सीनेशन कराने और भविष्य में उन्हें सड़कों पर न छोड़े जाने की बात कही गई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि संबंधित नगर निगम इस कार्य के लिए जिम्मेदार होंगे।

दो खेमों में नजर आ रहा बॉलीवुड

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बॉलीवुड दो खेमों में बंटा नजर आ रहा है। अभिनेत्री जान्हवी कपूर और अभिनेता वरुण धवन ने फैसले को ‘बेजुबानों के साथ अत्याचार’ करार देते हुए सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इनके साथ टाइगर श्रॉफ, भूमि पेडनेकर, रवीना टंडन, जॉन अब्राहम, वीर दास, चिन्मयी श्रीपदा और अदिति गोवित्रीकर जैसे सितारे भी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं। जॉन अब्राहम ने तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि यह आदेश ‘पशु अधिकारों और संविधान द्वारा दिए गए संरक्षण’ के खिलाफ है। वहीं, रवीना टंडन ने स्थानीय निकायों की लापरवाही और नसबंदी कार्यक्रम की असफलता को इस समस्या की जड़ बताया।

हालांकि, फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा और अभिनेता रणदीप हुड्डा ने कोर्ट के फैसले का समर्थन किया है। रामगोपाल वर्मा ने कहा कि मानव जीवन को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। सड़कों पर बच्चों की जान को खतरा है। रणदीप हुड्डा ने इस कदम को ‘समाधान की दिशा में बड़ा कदम’ बताया। यह बहस केवल जानवरों और इंसानों के अधिकारों की नहीं, बल्कि समाज में सामंजस्य, सह-अस्तित्व और जिम्मेदारी की भी है। मनोज बाजपेयी की टिप्पणी इस बहस को नई दिशा देती है, जिसमें न तो जानवरों की उपेक्षा है और न ही आम नागरिकों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया है।

जानें क्या है पूरा मामला, सुप्रीम कोर्ट का फैसला और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट का आदेश: 11 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया कि दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को 8 सप्ताह में शेल्टर होम में स्थानांतरित किया जाए।

न्यायाधीश: जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन

मुख्य बिंदु: कुत्तों का वैक्सीनेशन, नसबंदी और सड़कों पर पुनः न छोड़ा जाए

अब तक सामने आई प्रतिक्रिया:

कोर्ट के फैसले का समर्थन: राम गोपाल वर्मा, रणदीप हुड्डा

विरोध: जान्हवी कपूर, वरुण धवन, जॉन अब्राहम, रवीना टंडन, भूमि पेडनेकर, टाइगर श्रॉफ आदि

अब तक सामने आए मुख्य तर्क:

विरोध करने वालों का तर्क: पशु क्रूरता, अधिकारों का हनन, नसबंदी और सामुदायिक देखभाल बेहतर विकल्प

समर्थकों का तर्क: सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए

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