दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर खिताब जीता लिया था, इसको समाप्त हुए भी लगभग 2 से 3 हफ्ते हो गए हैं। लेकिन अब भी भारतीय विजेता टीम को ट्रॉफी और मेडल नहीं मिले हैं। इस पर आईसीसी के पूर्व अंपायर अनिल चौधरी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने एशियन क्रिकेट काउंसिल और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी पर तीखा हमला बोला है।
मोहसिन नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख के साथ पाकिस्तान के गृहमंत्री भी हैं, ये विवादों में तब घिरे जब भारत पाकिस्तान का फाइनल मुकाबला दुबई में खेला जा रहा था, जहाँ भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर बड़ी जीत हासिल कर ली थी। बता दें कई बार नकवी को भारत विरोधी बयानबाजी करते हुए देखा गया है और यही वजह है कि सूर्य कुमार यादव और भारतीय टीम ने नकवी के हाथों से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद मोहसिन नकवी ट्रॉफी और मेडल लेकर अपने होटल चले गए, जिसको लेकर कई लोगों ने विरोध भी जताया था, इसके बाद मोहसिन नकवी ने एक बयान दिया “अगर भारतीय टीम को ट्रॉफी चाहिए तो आकर मुझसे ले जाए” उनके इस बयान से खेल जगत में खलबली मच गई । जिस पर अंतर्राष्ट्रीय पूर्व अंपायर अनिल चौधरी ने भी अब अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आर.जे. रौनक के पॉडकास्ट में अनिल चौधरी ने इस पुरे मामले में तीखी प्रतिकिया दी। उन्होंने मोहसिन नकवी के बेतुका बयान को शर्मनाक और बचकाना बताया 'ट्रॉफी कोई भी दे सकता था। वहां यूएई अथॉरिटी के कई अधिकारी मौजूद थे। कहीं भी यह नहीं लिखा था कि एक ही व्यक्ति को ट्रॉफी देना जरूरी है। कोई नियम नहीं है कि केवल एक शख्स ही पुरस्कार दे सकता है।' चौधरी ने व्यंग्य करते हुए कहा, 'वो सज्जन ट्रॉफी लेकर ही चले गए। अब सज्जन शब्द का दूसरा मतलब भी होता है।' उन्होंने कहा कि इस तरीके की हरकत हमने अभी तक अपने करियर में कभी नहीं देखी।
पॉडकास्ट में पूछा गया की क्या वो मोहसिन नकवी को मिले हैं तो उस पर उन्होंने हंसते हुए कहा, 'मुझे तो पता भी नहीं कि वो हैं कौन। मैं तो सिर्फ मोहसिन रजा को जानता हूं। मीडिया में ही पहली बार नाम सुना।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं तो वैसे भी कोट-पैंट पहनने वालों से ज्यादा मिलता नहीं हूं। अपने काम से काम रखता हूं। लेकिन ऐसी हरकत तो मैंने स्थानीय क्रिकेट में भी नहीं देखी।'
कोई नियम नहीं है कि हर खिलाड़ी को हैंडशेक करना ही होगा। यह बस एक जेस्चर है, न कि कोई अनिवार्य परंपरा। मैंने जब रणजी ट्रॉफी में अंपायरिंग शुरू की थी, तब ऐसा कोई चलन नहीं था, पहले सिर्फ कप्तान हाथ मिलाते थे, अब तो लगभग 70 लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं। यह पूरी तरह आपकी मर्जी पर निर्भर है।'
भारतीय क्रिकेट फैंस भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे हैंडशेक विवादों पर भी अनिल चौधरी ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा,'ऐसा मोहसिन नकवी की हरकतों की कड़ी निंदा कर रहे हैं। तो वहीं एशियन क्रिकेट काउंसिल की तरफ से इस मामले में अभी तक कोई प्रतिकिया नहीं आई है। ये मामला चल ही रहा था की अनिल चौधरी के दिए बयान ने इस बात को और हवा दे दी। उन्होंने बातचीत में स्पष्ट कहा, “यह खेल की भावना के खिलाफ है। कोई भी ट्रॉफी लेकर नहीं जा सकता। खिलाड़ियों और आयोजकों के बीच सम्मान बना रहना चाहिए”।
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