सराफा बाजार में मजबूत मांग और फेड रेट-कट की उम्मीद से चमका सोना-चांदी

खबर सार :-
सोना-चांदी में जारी तेजी को मजबूत घरेलू मांग, कमजोर डॉलर और फेड की संभावित रेट कट उम्मीदों का समर्थन मिल रहा है। तकनीकी रूप से गोल्ड कीमतें महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस जोन के करीब पहुंच चुकी हैं, जहां से नई रैली की संभावना बन सकती है। शादी सीजन की फिजिकल डिमांड और अंतरराष्ट्रीय संकेत आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय करेंगे।

सराफा बाजार में मजबूत मांग और फेड रेट-कट की उम्मीद से चमका सोना-चांदी
खबर विस्तार : -

मुंबईः घरेलू फ्यूचर मार्केट में शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों में मजबूती देखने को मिली। यहां मजबूत स्पॉट डिमांड और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों ने कीमती धातुओं में तेजी का माहौल बनाया। इसके साथ ही शादी के सीजन में ज्वेलरी की बढ़ती डिमांड ने भी भावों को अतिरिक्त समर्थन दिया। आज शुरुआती कारोबार में एमसीएक्स पर सोने की दिसंबर वायदा कीमतें 0.39 प्रतिशत ऊपर रहकर 1,25,999 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं। वहीं चांदी की दिसंबर वायदा कीमतें 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,63,849 रुपए प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रही थीं। सराफा बाजार में लगातार दो दिनों से दोनों धातुओं में सकारात्मक रुझान बना हुआ है।

तकनीकी स्तर: सोना पहुंचा महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस जोन के पास

मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, एमसीएक्स पर सोने की कीमतें 1,26,000–1,27,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस क्षेत्र के बेहद करीब पहुंच रही हैं। विशेषज्ञों ने संकेत दिया कि यदि कीमतें इस बैंड के ऊपर डेली क्लोज देती हैं तो यह 1,29,000–1,30,500 रुपए प्रति 10 ग्राम की ओर नई रैली की शुरुआत कर सकती है। वहीं सपोर्ट की बात करें तो नीचे की ओर 1,25,500 रुपए प्रति 10 ग्राम का मजबूत स्तर बना हुआ है। इसके टूटने पर 1,25,000–1,24,400 रुपए प्रति 10 ग्राम का बॉटम जोन कीमतों को सहारा देगा।

शादी सीजन में बढ़ी मांग से बाजार में मजबूती

ज्वेलरी ट्रेडर्स का कहना है कि शादी के सीजन में ग्राहकों की ओर से आने वाली मजबूत खरीदारी ने बाजार का सेंटीमेंट मजबूती दिया है। फिजिकल मार्केट में गोल्ड की मांग पिछले सप्ताह की तुलना में बढ़ी है, जो घरेलू कीमतों में लगातार उछाल का एक प्रमुख कारण है। इसके साथ ही रिटेल निवेशकों में भी गोल्ड ETF और बुलियन खरीदारी के प्रति रुझान बढ़ा है, जिससे गोल्ड मार्केट को अतिरिक्त सपोर्ट मिला है।

फेड की नीति और कमजोर डॉलर से मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

वैश्विक स्तर पर दिसंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के कारण डॉलर इंडेक्स दबाव में है। विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर में यह गिरावट पिछले चार महीनों की सबसे तेज साप्ताहिक गिरावट हो सकती है। कमजोर डॉलर पारंपरिक रूप से सोने और चांदी की कीमतों को मजबूत करता है, क्योंकि इससे विदेशी निवेशकों के लिए ये धातुएं खरीदना सस्ता हो जाता है। घरेलू स्तर पर आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 3 से 5 दिसंबर के बीच होगी। बाजार की नजर ब्याज दरों को लेकर मिलने वाले संकेतों पर रहेगी।

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