डोनाल्ड ट्रंप की दादागीरी पर ईरान की खरी-खरी

खबर सार :-
ईरानी नेता के अनुसार अमेरिका ईरान से बातचीत करना चाहता है। यहां भी डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन दादागीरी कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि अगले सप्ताह में दोनों देशों के बातचीत होगी। इससे फिलहाल ईरान ने इकांर कर दिया है। फिलहाल, ईरान का किसी मुददे पर ऐसे देश से बात करने का इरादा हीं है।

डोनाल्ड ट्रंप की दादागीरी पर ईरान की खरी-खरी
खबर विस्तार : -

लखनऊ, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कई देशों की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है। डोनाल्ड ने जिस तरह से ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम बरसाए, उससे ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि अच्छा था कि अमेरिका के दिए गए समय के काफी पहले ही ईरान ने काफी सामग्री यहां से हटवा ली थी। वरना अनर्थ हो सकता था। अमेरिका की ईरान से कोई सीधी लड़ाई नहीं थी। उनका इरादा तो सिर्फ ईरान के तेल ठिकानों को डील में शामिल करना था। मुनाफा आसानी से न मिलने के कारण ही ट्रंप ने ईरान पर तीन ठिकानों पर बम बरसाकर दबाव में लेने की कोशिश की है।

इनकी कोशिशों को एक बार फिर ईरान के विदेश मंत्री ने किनारे कर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि यह सब आसानी से नहीं हो सकता है। यदि ट्रंप डील चाहते हैं तो उनको अपनी भाषा पर नियंत्रण करना चाहिए। यह बात शनिवार की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को डील चाहिए, लेकिन उनकी भाषा अपमानजनक है। उनको ऐसी भाषा छोड़ना चाहिए। 
हालांकि, यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए ही हमले किए थे।

ईरान का काफी नुकसान हुआ, लेकिन अमेरिकी एक रिपोर्ट ने बीते दिन एक चौकाने वाली जानकारी दी है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर कोई असर नहीं पड़ा हे। वह कभी भी इसपर अनुसंधान कर सकता है। ईरानी नेता ने कहा कि उनका देश अपमान और धमकी के खिलाफ किसी से भी टकरा सकता है। इसे हल्के में न लिया जाए। अमेरिका ने ईरान के साथ बातचीत की पेशकश की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने अपने एक पोस्ट में लिखा, ’ईरानी लोगों की खुद्दारी एवं कठिन मेहनत साफ रहती है। हम अपनी किस्मत का फैसला खुद करेंगे। इसका अधिकार किसी और को नहीं देंगे। 

 

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