नई दिल्लीः भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना सबसे प्रिय है। इस महीने में भोलेनाथ के सभी प्रमुख ज्योतिर्लिंगों का दर्शन और पूजन करना अत्यंत फलदायी होता है। भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में भीमाशंकर का छठा स्थान है। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किलोमीटर दूर सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है, जिसका वर्णन रामायण काल में भी मिलता है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग आकार में बड़ा होने के कारण मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी पौराणिक कथा शिव पुराण में वर्णित है, जिसमें कुंभकर्ण का पुत्र भीमा भगवान राम से अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए तपस्या करता है, उसे ब्रह्मा से अजेय होने का वरदान प्राप्त हो जाता है। इसके बाद वह सबके ऊपर अत्याचार करने लगता है, जिससे त्रस्त होकर सभी देवता और ऋषि महादेव की शरण में जाते हैं। फिर भगवान शिव और भीमा के बीच भयंकर युद्ध होता है, जिसमें अंततः भगवान शिव भीमा का वध कर देते हैं और यहां ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विद्यमान हो जाते हैं।
भीमाशंकर मंदिर के पास ही एक नदी बहती है, जिसको लेकर मान्यता है कि जब यहां भीमा असुर और भगवान शिव के बीच युद्ध चल रहा था तब भगवान शिव के शरीर से पसीने की कुछ बूंदें निकली थीं। इसी पसीने से भीमा नदी का निर्माण हुआ था। भीमा नदी यहीं से बहती है, जो कृष्णा नदी में जाकर मिल जाती है। इस नदीं में स्नान करके भीमा शंकर ज्योतिर्लिंग का दर्शन और पूजन करने से सभी तरह के पापों और कष्टों का नाश होता है। ऐसी मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी भक्तों के पापों का नाश हो जाता है और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। शिव पुराण में कहा गया है कि भीमाशंकर मंदिर में पूजा करने से भक्त अपने पापों और बुरे कर्मों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव के विभिन्न रूपों और स्वरूपों का वर्णन शिव पुराण में मिलता है। इसमें 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ ही उनकी महिमा का भी वर्णन किया गया है। शिव पुराण के अलावा, कई अन्य प्राचीन ग्रंथों में भी भीमाशंकर मंदिर के महत्व का उल्लेख किया गया है। यहां भीमा शंकर मंदिर के पास ही गुप्त भीम का वर्णन भी मिलता है। यह भीमा नदी का उद्गम स्थल है। भीमाशंकर मंदिर से 3 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित, गुप्त भीम वह स्थान है, जहां भीमा नदी एक शिला पर रखे शिवलिंग के ऊपर तीव्र बल से बहती है। इस नदी के जल को अत्यंत पवित्र माना जाता है।
भीमाशंकर मंदिर के आसपास 108 तीर्थ स्थान हैं। इनमें प्रमुख तीर्थ स्थान सर्वतीर्थ, ज्ञानतीर्थ, मोक्ष तीर्थ, पापमोचन तीर्थ, क्रीड़ा तीर्थ, भीमा उद्गम तीर्थ, भाषा तीर्थ आदि हैं। द्वादश ज्योतिर्लिंग स्त्रोत में भी भीमाशंकर मंदिर की महिमा का वर्णन किया गया है, जिसके अनुसार यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च । सदैव भीमादिपदप्रसिद्दं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि ॥ जो डाकिनी और शाकिनी वृन्द में प्रेतों द्वारा सदैव सेवित होते हैं, उन भक्तहितकारी भगवान भीमाशंकर को मैं प्रणाम करता हूं। भीमाशंकर मंदिर के पास ही कमलजा मंदिर भी है जो कि भारत वर्ष में बहुत प्रसिद्ध मंदिर माना गया है। कमलजा माता को माता पार्वती का अवतार माना जाता है।
भीमाशंकर मंदिर के पीछे पश्चिम दिशा में एक प्रसिद्ध तालाब है। ऋषि कौशिक ने अपने गुरु का पिंडदान इसी पवित्र स्थल पर किया था। ऐसा माना जाता है कि इस तालाब में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे मोक्ष कुंड तीर्थ कहते हैं। भीमाशंकर मंदिर के दक्षिण की ओर सर्वतीर्थ के नाम से एक प्रसिद्ध तालाब है, जो सीधे भगवान के मंदिर से जुड़ा हुआ है और यहीं से भीमा नदी निकलती और बहती है। वहीं गुप्त भीम मार्ग पर स्थित गणपति मंदिर है। मान्यता है कि श्री भीमाशंकर के दर्शन के बाद इन भगवान गणेश के दर्शन भी करने चाहिए। इस गणपति के दर्शन के बाद ही भीमाशंकर यात्रा पूरी मानी जाती है। यह मंदिर भीमाशंकर से लगभग 1.30 किलोमीटर दूर स्थित है। भीमाशंकर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित हनुमान झील एक शानदार पर्यटन स्थल है, जहां आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक शांत दिन बिता सकते हैं। यहीं पास में पार्वती हिल्स है, जहां की छटा बेहद मनोरम है।
अन्य प्रमुख खबरें
Aaj Ka Rashifal 5 December 2025 : इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 5 December 2025: शुक्रवार 5 दिसंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
शुक्रवार व्रत से दूर होंगे दोष, धन की देवी मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न, जानें शुरू करने का शुभ समय
Aaj Ka Rashifal 4 December 2025 : इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 4 December 2025: गुरुवार 4 दिसंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 3 December 2025 : इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 3 December 2025: बुधवार 3 दिसंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
मन की शांति और ऊर्जा का केंद्र 'ऊं', जिसमें समाया है परम सत्ता का पूरा स्वरूप
Aaj Ka Rashifal 2 December 2025 : इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 2 December 2025: मंगलवार 2 दिसंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Mokshada Ekadashi Vrat : ऐसे करें भगवान विष्णु की पूजा, मिट जाएंगे सभी जन्मों के पाप... मिलेगा मोक्ष
Aaj Ka Rashifal 1 December 2025 : इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 1 December 2025: सोमवार 1 दिसंबर 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
मोक्षदा एकादशी: व्रत, पूजा और कथा का महत्व