सावन में नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना अत्यंत फलदायी

खबर सार :-
सावन के महीने में भगवान शिव के सभी स्वरूपों की पूजा करने का अपना विशेष महत्व होता है। भगवान शिव के नीलकंठ स्वरूप का वर्णन पुराणों में होने के साथ ही श्रीमद्भागवत गीता के चौथे और आठवें अध्याय में भी मिलता है। सावन में नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना भी भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। तो आइए जानें, नीलकंठ स्वरूप और नीलकंठ पक्षी से जुड़े रहस्यों के बारे में...

सावन में नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना अत्यंत फलदायी
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: भगवान शिव को सबसे प्रिय सावन माह 11 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। सावन शिव भक्ति का महीना होता है। इस महीने में दुनिया को विष के बचाने वाले नीलकंठ के भक्तों के लिए नीलकंठ पक्षी बहुत ही खास महत्व रखता है। इस पक्षी का महादेव से खास संबंध है। मान्यताओं के अनुसार नीलकंठ पक्षी को नीलकंठेश्वर के शांत और मंगलकारी स्वरूप का प्रतीक माना जाता है। इस महीने में नीलकंठ पक्षी के दर्शन बेहद शुभ माने जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नीलकंठ पक्षी का दर्शन करने से भक्तों को सौभाग्य का वरदान मिलता है। श्रीमद्भागवत के आठवें अध्याय में वर्णन मिलता है कि समुद्र मंथन के दौरान जब देवताओं और दानवों के बीच अमृत के लिए मंथन हुआ तो हलाहल नामक विष निकला था। इस विष ने पूरी सृष्टि को संकट में डाल दिया, तब भगवान शिव ने इस विष को पीकर अपने कंठ में रोक लिया था। इस कारण उनका कंठ नीला पड़ गया, जिसके कारण वे ‘नीलकंठ’ कहलाए। शिव के इस सौम्य रूप को 'शीतिकंठ' और 'त्रिलोचन' के नाम से भी वर्णित किया गया है। श्रीमद्भागवत के चौथे अध्याय में 'तत्पहेमनिकायभं शीतिकंठ त्रिलोचनम्' कहकर भगवान शिव के नीलकंठ वाले सौम्य रूप का वर्णन किया गया है।

भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है ‘नीलकंठ’ पक्षी

नीलकंठ पक्षी का नीला रंग और उसका शांत स्वभाव उसे भगवान शिव का प्रतीक बनाता है। 'खगोपनिषद' के ग्यारहवें अध्याय में नीलकंठ को स्वयं शिव का रूप बताया गया है, जो शुभता और सौभाग्य का प्रतीक है। मान्यता है कि सावन में इस पक्षी के दर्शन करने से भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। खासकर उड़ते हुए नीलकंठ के दर्शन करने से अक्षत फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शंकर ही ‘नीलकंठ’ हैं। इस पक्षी को धरती पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना जाता है। नीलकंठ पक्षी भगवान शिव का ही एक रूप है। भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर विचरण करते हैं।

स्वप्न शास्त्र में 'नीलकंठ' पक्षी का महत्वपूर्ण स्थान

धर्मशास्त्र के साथ-साथ स्वप्न शास्त्र में भी नीलकंठ पक्षी का विशेष और महत्वपूर्ण स्थान है। स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने में नीलकंठ पक्षी को देखना बहुत शुभ माना जाता है। यह किस्मत खुलने और सफलता मिलने का संकेत है। इतना ही नहीं, यह अविवाहित लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसका मतलब है कि उनकी शादी में आ रही रुकावटें खत्म होने वाली हैं और जल्द ही उन्हें जीवनसाथी मिल सकता है।

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