Milk Production In India : भारत का डेयरी क्षेत्र लगातार प्रगति कर रहा है, और यह बात सरकारी आंकड़ों से स्पष्ट हो रही है। देश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता (Milk Production In India) में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जो पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिहाज से एक सकारात्मक संकेत है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसत 471 ग्राम दूध उपलब्ध है, जो 2013-14 की तुलना में 53 फीसदी से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। यह एक दशक में भारत की कृषि अर्थव्यवस्था में आए बदलाव का एक बड़ा प्रमाण है।
राज्य-वार उपलब्धता की बात करें, तो पंजाब इस मामले में एक चमकदार उदाहरण पेश करता है। यहां प्रति व्यक्ति प्रतिदिन औसत 1,245 ग्राम दूध उपलब्ध है, जो राष्ट्रीय औसत का लगभग तीन गुना है। यह आँकड़ा पंजाब की समृद्ध पशुपालन परंपरा और उन्नत डेयरी उद्योग को रेखांकित करता है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले साल की तुलना में पंजाब में प्रति व्यक्ति उपलब्धता में 3 फीसदी की मामूली गिरावट आई है, फिर भी 2013-14 के मुकाबले इसमें 27 फीसदी का बड़ा उछाल है।
पंजाब के बाद, राजस्थान और हरियाणा भी इस सूची में अपनी स्थिति मजबूत बनाए हुए हैं। राजस्थान में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 1,171 ग्राम दूध उपलब्ध है। पिछले एक दशक में, राज्य में उपलब्धता में 105 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो दिखाता है कि मरुभूमि के इस प्रदेश ने डेयरी क्षेत्र में कैसे क्रांति आई है। वहीं, हरियाणा में प्रति व्यक्ति उपलब्धता 1,105 ग्राम है, जिसमें 2013-14 से 38 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।
शीर्ष तीन राज्यों के बाद, अन्य राज्य भी अपनी-अपनी स्थिति में हैं। आंध्र प्रदेश में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 719 ग्राम दूध उपलब्ध है, हालांकि यहां पिछले साल से 10 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। गुजरात पांचवें स्थान पर है, जहां 700 ग्राम की उपलब्धता दर्ज की गई है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश (673 ग्राम), हिमाचल प्रदेश (640 ग्राम), और जम्मू-कश्मीर (577 ग्राम) भी अच्छे प्रदर्शन वाले राज्यों में शामिल हैं।
एक तरफ जहां कई राज्यों में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता बढ़ी है, वहीं कुछ राज्यों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता घटकर 62 ग्राम रह गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 फीसदी कम है। यह शहरीकरण और कम पशुपालन का परिणाम माना जा रहा है।
सबसे चौंकाने वाली गिरावट अरुणाचल प्रदेश में दर्ज की गई है, जहां उपलब्धता 57 फीसदी घटकर केवल 35 ग्राम रह गई है। मणिपुर में भी इसी तरह की स्थिति है, जहां यह 54 ग्राम तक गिर गई है। इन राज्यों में दूध की उपलब्धता में यह गिरावट पोषण सुरक्षा और स्थानीय कृषि नीतियों पर सवाल खड़े करती है।
कुल मिलाकर, भारत का डेयरी क्षेत्र मजबूत दिख रहा है, लेकिन क्षेत्रीय असमानताएं अभी भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। जहां पंजाब और राजस्थान जैसे राज्य रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं, वहीं कुछ राज्यों को अपनी डेयरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है।
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