रामलला की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का एक और फैसला

खबर सार :-
श्री राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या के धार्मिक महत्व को देखते हुए यहां की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों पर मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी है। एक बैठक में लिए गए फैसले के दौरान तमाम अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बैठक की अध्यक्षता की और निर्णय को मीडिया के समक्ष प्रभारी मंत्री खन्ना ने रखा।

रामलला की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का एक और फैसला
खबर विस्तार : -

लखनऊ, अयोध्या में आठ एकड़ जमीन 99 साल के पट्टे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। गुरूवार को यूपी सरकार ने मंदिर तथा शहर की सुरक्षा के लिहाज से यह फैसला किया है। मंदिर और आसपास के संवेदनशील प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत के लिए मुख्यमंत्री ने यह फैसला किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) केंद्र की स्थापना करने में फैसला महत्व रखता है। 
काफी दिनों से यह बहस छिड़ी थी कि अयोध्या में आठ एकड़ जमीन 99 साल के पट्टे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए, इसके लिए यूपी सरकार ने गुरूवार को मंजूरी दे दी है।

सरकार के इस कदम से मंदिर शहर और आसपास के संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा नए सिरे से की जा सकती है। इस दिशा में काम होने पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड कर सकते हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अध्यक्षता की थी और ऐसा निर्णय लिया हे। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने पत्रकारों को बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अयोध्या सदर तहसील के गौरा बारिक छावनी क्षेत्र में स्थित जमीन को हस्तांतरित किया जाएगा, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तां के तहत काम होगा। मंत्री ने बताया कि अयोध्या मंदिर तथा उसके आसपास संवेदनशील प्रतिष्ठानों हैं। इनकी सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने एनएसजी केंद्र की स्थापना के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को आठ एकड़ जमीन पट्टे पर देने का प्रस्ताव दिया था।

आवंटन मौजूदा सर्किल रेट के आधार पर रियायती दरों पर ही किया जाएगा। नियमानुसार, इसे एक बार के अपवाद के रूप में माना जाएगा, लेकिन भविष्य में इसे मिसाल के तौर पर नहीं उद्धृत किया जाएगा। यह भूमि अयोध्या जिले के परगना-हवेली अवध में है। यह गौरा बारिक छावनी क्षेत्र के अंतर्गत आती है। किसी भी खतरे की स्थिति में विशिष्ट एनएसजी कमांडो की तैनाती और संचालन के लिए एक रणनीतिक स्थान यही भूमि है। अधिकारियों का मानना है कि एनएसजी केंद्र क्षेत्र में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से मजबूती करने में योगी सरकार का फैसला काम करेगा। राम मंदिर के निर्माण के बाद अयोध्या के धार्मिक और रणनीतिक महत्व को देखते हुए यह जरूरी हो गया था। 
 

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