Parivartini Ekadashi : भगवान विष्णु की कृपा से विवाह में आ रही रुकावटें होंगी दूर, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय

खबर सार :-
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। परिवर्तिनी एकादशी पर धार्मिक मान्यता है कि चतुर्मास में योग निद्रा में लीन भगवान विष्णु करवट बदलते हैं। मान्यता है कि इस व्रत का श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से बड़ा से बड़ा संकट दूर हो जाता है। विवाह की रुकावटें भी दूर हो जाती हैं। एकादर्शी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। इससे व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।

Parivartini Ekadashi : भगवान विष्णु की कृपा से विवाह में आ रही रुकावटें होंगी दूर, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय
खबर विस्तार : -

Parivartini Ekadashi : हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन के बारे में धार्मिक मान्यता है कि चतुर्मास में योग निद्रा में लीन भगवान विष्णु इसी दिन करवट बदलते हैं। इसीलिए इसे परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से पुराने से पुराने संकट भी दूर हो जाते हैं। इस दिन विवाह में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। इस वर्ष परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 3 सितंबर को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 3 सितंबर को सुबह 3:53 बजे शुरू होगी और यह तिथि अगले दिन यानी 4 सितंबर को सुबह 4:21 बजे तक रहेगी। व्रत का पारण 4 सितंबर को दोपहर 1:36 बजे से शाम 4:07 बजे के बीच किया जा सकता है। 

Parivartini Ekadashi : एकादशी पर बन रहे तीन शुभ योग 

खास बात ये है कि इस साल ये एकादशी तीन शुभ योगों आयुष्मान योग, सौभाग्य योग और रवि योग में पड़ रही है। इन शुभ संयोगों के कारण इस व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। आयुष्मान योग दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का संकेत देता है, सौभाग्य योग परिवार में सुख-शांति लाता है और रवि योग जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला माना जाता है। 

Parivartini Ekadashi : ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का करें जाप 

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें। भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने घी का दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल, मौसमी फल, पंचामृत, तुलसी के पत्ते और पीले वस्त्र अर्पित करें। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। दिन भर मन शांत रखें और फलाहार करें या निर्जल व्रत रखकर रात में भगवान के भजन-कीर्तन करें। अगले दिन द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जाता है। 

Parivartini Ekadashi : विवाह के लिए वरदान है परिवर्तिनी एकादशी 

इस एकादशी का संबंध विवाह में आने वाली बाधाओं से है। जीवन में कई बार ऐसा होता है कि अच्छा रिश्ता होने के बावजूद बात कहीं अटक जाती है। कुंडली में बृहस्पति या शुक्र की स्थिति कमजोर हो या किसी कारणवश रिश्ता पक्का न हो पा रहा हो। ऐसी स्थिति में परिवर्तिनी एकादशी का व्रत वरदान माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के बाद यदि किसी गरीब को पीले वस्त्र, चने की दाल और पीली मिठाई दान की जाए तो विवाह में आ रही बाधाएं दूर होने लगती हैं। जिन युवाओं के विवाह में बार-बार बाधाएं आती हैं उन्हें यह उपाय विशेष रूप से करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक किए गए छोटे-छोटे उपाय भी बड़ा प्रभाव डालते हैं। 

Parivartini Ekadashi : ये विशेष उपाय दिलाएंगे जीवन में सफलता 

परिवर्तिनी एकादशी के दिन कुछ विशेष उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की अन्य समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। जैसे, इस दिन तुलसी के पास घी का दीपक जलाकर उसकी 5 या 7 परिक्रमा करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। भगवान विष्णु को पीले वस्त्र और पीले फूल अर्पित करने से करियर में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। शाम के समय पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और दीपक जलाने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और पितृ दोष का नाश होता है। जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और फल दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में शांति बनी रहती है।

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