Maa Durga Shaktipeeth: मध्य प्रदेश के इन शक्तिपीठों में आज भी होते हैं चमत्कार, जानिए महत्व और मान्यता

खबर सार :-
मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में स्थित शक्तिपीठ केवल धार्मिक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि चमत्कारी अनुभवों का स्रोत भी हैं। नवरात्रि में यहां की धार्मिक गतिविधियां चरम पर होती हैं और भक्तों की अटूट श्रद्धा इन स्थानों को जीवंत बना देती है। इन शक्तिपीठों की मान्यताएं और इतिहास आज भी लोगों को आकर्षित करते हैं।

Maa Durga Shaktipeeth: मध्य प्रदेश के इन शक्तिपीठों में आज भी होते हैं चमत्कार, जानिए महत्व और मान्यता
खबर विस्तार : -

भोपालः भारत में शक्ति की उपासना की परंपरा सदियों पुरानी है और नवरात्रि इसका सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा और उनके विभिन्न स्वरूपों की आराधना पूरे भक्ति भाव से की जाती है। इसी अवसर पर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में विशेष भीड़ उमड़ती है। मध्य प्रदेश, जिसे सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध राज्य माना जाता है, यहां भी कई ऐसे शक्तिपीठ स्थित हैं जो केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि चमत्कारी घटनाओं के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

अवंति शक्तिपीठ (उज्जैन)

उज्जैन के शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित यह शक्तिपीठ न सिर्फ धार्मिक, बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि यहां माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था। यही कारण है कि यह स्थान 51 शक्तिपीठों में विशेष स्थान रखता है। यहां माता को ‘अवंतिका’ के नाम से जाना जाता है और भगवान शिव ‘लम्बकर्ण’ रूप में पूजित हैं। नवरात्रि में यहां विशाल भंडारे, जागरण, और विशेष पूजन अनुष्ठान होते हैं, जिनमें देशभर से श्रद्धालु भाग लेते हैं।

कालमाधव शक्तिपीठ (अमरकंटक)

अमरकंटक, जहां नर्मदा नदी का उद्गम होता है, वह स्वयं में एक तीर्थ है। यहीं स्थित है कालमाधव शक्तिपीठ, जहां देवी सती का बायां नितंब गिरा था। माता को काली रूप में पूजा जाता है जबकि शिव यहां ‘कालमाधव’ या ‘असितांग’ रूप में उपस्थित हैं। नवरात्रि में यहां साधक विशेष रूप से साधना करने आते हैं और कई श्रद्धालु बताते हैं कि उन्हें यहां देवी के दर्शन भी हुए हैं।

नर्मदा शक्तिपीठ (अमरकंटक)

अमरकंटक में ही स्थित यह शक्तिपीठ भी अत्यंत प्राचीन और चमत्कारी माना जाता है। कहा जाता है कि यहां माता सती का दायां नितंब गिरा था और माता नर्मदा या सोनाक्षी रूप में पूजित होती हैं। भैरव रूप में भद्रसेन यहां के रक्षक माने जाते हैं। नवरात्रि के अलावा मकर संक्रांति, शरद पूर्णिमा, दीपावली व रामनवमी जैसे पर्वों पर भी यहां विशेष आयोजन होते हैं।

देवीपाटन शक्तिपीठ (पाटन, बलरामपुर)

हालांकि यह स्थान मध्य प्रदेश में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के पाटन गांव में स्थित है, लेकिन मध्य भारत के श्रद्धालुओं के लिए यह एक प्रमुख तीर्थ है। यहां माता सती का वाम स्कंध गिरा था। विशेष बात यह है कि यह स्थान भारत-नेपाल सीमा के करीब है, जिससे नेपाल से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि में यहां विशेष मेले और पूजा-पाठ का आयोजन होता है। इन सभी शक्तिपीठों की विशेषता यह है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अक्सर चमत्कारिक अनुभव जुड़ते हैं। कोई अपने रोगों से मुक्ति पाता है, तो कोई मानसिक शांति।

 

 

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