Nag Panchami 2025 : देशभर में आज नाग पंचमी का महापर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। देवों के देव महादेव के प्रिय नाग देवता को समर्पित यह पर्व हर साल सावन महीने की पंचमी तिथि को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ नाग देवता की पूजा और उनका रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
इस मौके पर प्रसिद्ध नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Temple) श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खोल दिया गया। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित यह मंदिर साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन, केवल 24 घंटे के लिए ही खुलता है। सोमवार रात 12 बजे पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरी महाराज की अगुवाई में ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के कपाट खोले गए। जिसके बाद महंत विनीतगिरि ने भगवान की पूजा-अर्चना और आरती की।
मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहां नाग देवता को दूध पिलाने की परंपरा है। महाकाल मंदिर के द्वितीय तल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार खुलते हैं। रात्रि में पट खुलने के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया, जो मंगलवार रात्रि 12 बजे तक जारी रहेगा। अनुमान है कि मंगलवार को करीब 3 लाख श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचेंगे।
बता दें कि नागचंद्रेश्वर मंदिर में का निर्माण 11वीं शताब्दी हुआ था। इस मंदिर में एक दुर्लभ मूर्ति स्थापित की गई थी। मूर्ति में स्वयं श्री नागचंद्रेश्वर अपने सात फनों से विराजमान हैं। साथ ही शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी और सिंह भी विराजमान हैं। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दाहिनी ओर कार्तिकेय की मूर्ति और शीर्ष पर सूर्य और चंद्रमा विराजमान हैं। नागचंद्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्यता और कलात्मकता का एक उदाहरण है। भगवान के गले और भुजाओं में नाग लिपटे हुए हैं।
इस मूर्ति को नेपाल से उज्जैन लगाया गया था । कहा जाता है कि ऐसी मूर्ति उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी नहीं है। इस मूर्ति के दर्शन के बाद अंदर प्रवेश करने पर भगवान नागचंद्रेश्वर के शिवलिंग के दर्शन होते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में नागचंद्रेश्वर के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति किसी भी प्रकार के सर्प दोष से मुक्त हो जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, नागों को महादेव के आभूषण में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि नागराज तक्षक ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। नागराज तक्षक की तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था। लेकिन यह वरदान मिलने के बावजूद नागराज तक्षक प्रसन्न नहीं हुए। उन्होंने भगवान शिव से कहा कि वे सदैव उनके सान्निध्य में रहना चाहते हैं, इसलिए उन्हें महाकाल वन में रहने की अनुमति दी जाए। भोलेनाथ ने उन्हें महाकाल वन में रहने की अनुमति दे दी और साथ ही यह आशीर्वाद भी दिया कि एकांत में उन्हें कोई विघ्न न डाले। इसी कारण से यह मंदिर साल में केवल एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है।
इतना ही नहीं नाग चंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलने के साथ ही त्रिकाल पूजा का भी प्रावधान है। त्रिकाल अर्थात तीन अलग-अलग समय पर की जाने वाली पूजा। पहली पूजा महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा रात्रि 12 बजे पट खुलने के बाद । दूसरी पूजा दोपहर 12 बजे जो प्रशासन की ओर से अधिकारियों द्वारा की जाती है। तीसरी पूजा शाम 7:30 बजे भगवान महाकाल की संध्या आरती के बाद मंदिर समिति की ओर से महाकाल मंदिर के पुजारियों द्वारा की जाती है। इसके बाद रात 12 बजे मंदिर के पट एक साल के लिए पुनः बंद कर दिए जाते हैं।
अन्य प्रमुख खबरें
Aaj Ka Rashifal 31 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 31 July 2025: गुरुवार 31 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 30 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 30 July 2025: बुधवार 30 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 29 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 29 July 2025: मंगलवार 29 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 28 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 28 July 2025: सोमवार 28 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 27 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 27 July 2025: रविवार 27 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल
Aaj Ka Rashifal 26 July 2025: इन राशियों को आज होगा आर्थिक लाभ, जानें कैसा रहेगा आपका दिन
Panchang 26 July 2025: शनिवार 26 जुलाई 2025 का पंचांग, जानें विशेष पर्व एवं राहुकाल