Nag Panchami 2025: नाग पंचमी पर करें ये काम, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति,   जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

खबर सार :-
Nag Panchami 2025 : नाग पंचमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। हर साल यह त्योहार सावन के महीने में मनाया जाता है। इस त्योहार में नाग देवता की पूजा का विधान है। इस बार इस पर्व की तारीख को लेकर काफी कंफ्यूजन है।

Nag Panchami 2025: नाग पंचमी पर करें ये काम, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति,   जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
खबर विस्तार : -

Nag Panchami 2025:  हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही नाग पंचमी कहा जाता है। भगवान शिव के प्रिय नाग देवता को समर्पित यह पर्व सावन माह में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर नाग देवता प्रसन्न होते हैं और कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही कालसर्प जैसे दोष भी दूर होते हैं। यह पर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति और सुरक्षा का भी प्रतीक है।

Nag Panchami 2025: पूजा का शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के मुताबिक सावन माह की पंचमी तिथि 28.7.2025 को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट से शुरू होगी और  29.7.2025 दोपहर 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। 29 जुलाई को, सुबह 5:41 बजे से 8:23 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। इस मुहूर्त में नाग देवता की पूजा से विशेष लाभ मिलेगा।

Nag Panchami Puja Vidhi: ऐसे करें पूजा कालसर्प दोष से मिलेगा छूटकारा

 हिंदू धर्म में नागों को पूजनीय माना जाता है और नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से अनंत, वासुकी, शेष, कालिया और तक्षक सहित बारह नाग देवताओं की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके सबसे पहले घर के मुख्य द्वार, दीवार या फिर पूजा स्थल पर नाग का आकृति बनाएं या मूर्ति-तस्वीर रखें। इसके बाद फल-फूल,दूध-चावल, हल्दी, कुशा और दूर्वा से नाग देवता की पूजा करें। कच्चे दूध से नागों का अभिषेक करें। साथ ही बारह नाग देवताओं के मंत्रों का जाप करें। फिर नाग पंचमी की कथा सुने और व्रत रखे। 

पूजा के समय इस मंत्र का करें जाप

सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।। 
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:। 
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।' 

मंत्र का अर्थ है, हे आकाश, स्वर्ग, सरोवर, कुएं, तालाब और इस संसार में सूर्य की किरणों में रहने वाले सर्पो, हम पर कृपा करें और हम सभी आपको बारंबार प्रणाम करते हैं। पूजा करते समय पढ़कर नाग देवता का ध्यान करना चाहिए। 

Nag Panchami: क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का पर्व

नाग पंचमी न केवल नागों की पूजा का त्यौहार है, बल्कि यह प्रकृति के साथ सामंजस्य और सह-अस्तित्व का भी प्रतीक है। विशेषकर ग्रामीण और कृषि प्रधान समाज में इसे विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नाग देवता न केवल पृथ्वी की रक्षा करते हैं, बल्कि उनका वर्षा और भूमि की उर्वरता से भी गहरा संबंध है। यह पर्व हमें पर्यावरण के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का संदेश देता है।

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