Guru Tegh Bahadur: सफलता अंतिम नहीं है, विफलता घातक नहीं...गुरु तेग बहादुर के ये अनमोल विचार आपके जीवन को बना देंगे सरल

खबर सार :-
Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: इस साल गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत की सालगिरह मनाई जा रही है। गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस वैसे तो हर साल 24 नवंबर को उनके सबसे बड़े बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है।आइए उनके कुछ अनमोल विचार पढ़ते हैं।

Guru Tegh Bahadur: सफलता अंतिम नहीं है, विफलता घातक नहीं...गुरु तेग बहादुर के ये अनमोल विचार आपके जीवन को बना देंगे सरल
खबर विस्तार : -

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत की सालगिरह आज मनाई जा रही है। वैसे तो गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस हर साल 24 नवंबर को उनके सबसे बड़े बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। हालांकि, 2025 में, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में ऑफिशियल छुट्टी 25 नवंबर को रखी गई है। आस्था और सम्मान की रक्षा के लिए गुरु के बेमिसाल बलिदान को पूरे देश में श्रद्धा के साथ याद किया जा रहा है। गुरु तेग बहादुर को पूरे भारत में 'हिंद की चादर' के नाम से सम्मान दिया जाता है। उनका जीवन हिम्मत, त्याग और मानवता की रक्षा के लिए उनके दिए गए सबसे बड़े बलिदान का प्रतीक है। इस दिन, देश भर के गुरुद्वारों में कीर्तन, प्रार्थना और सेवा के काम किए जाते हैं।

Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2025: सिखों के नौवें गुरु

गुरु तेग बहादुर का जन्म गुरु हरगोबिंद जी के घर हुआ था और वे उनके सबसे छोटे बेटे थे। 1665 में, वे सिखों के नौवें गुरु बने और अगले दस साल लोगों को समाज, धर्म और सच्चाई के रास्ते पर गाइड करते रहे। उन्होंने लोगों को सिखाया कि जीवन में सच्ची शांति सिर्फ क्रोध, घमंड और मोह को जीतकर ही पाई जा सकती है। इस साल, गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहीदी सालगिरह मनाई जा रही है। आइए उनके कुछ अनमोल विचार पढ़ते हैं, जो आपके जीवन को भी सरल बना देंगे....

  • गुरु तेग बहादुर की प्रेरणा देने वाले अनमोल विचार
  • गुरु तेग बहादुर ने कहा कि गलतियों को हमेशा माफ़ किया जा सकता है अगर आपमें उन्हें मानने की हिम्मत हो।
  • अपने अहंकार पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति ही सच्ची मुक्ति का अनुभव करता है.
  • सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विपलता कभी जानलेवा नहीं होती;  इनमें जो मायने रखता है वो है हिम्मत।
  • ईश्वर हमारे अंदर रहते हैं, बाहरी दुनिया में नहीं, जैसे फूल में खुशबू या आईने में परछाई।
  • हमें हर जीव के लिए दया और प्रेम भाव रखना चाहिए, क्योंकि नफरत सिर्फ तबाही लाती है। 
  •  भय मन की उपज है, जो व्यक्ति अपने विचारों और मन को नियंत्रित कर लेता है, वही जीत और हार दोनों पर अधिकार रख सकता है।
  • एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओ को ठेस ना पहुंचाएं।
  • हार और जीत पूरी तरह से आपकी सोच पर निर्भर करती है। अगर आप इसे मान लेते हैं, तो यह हार है; अगर आप इसे हल कर लेते हैं, तो यह जीत है।
  • डर सिर्फ़ हमारे मन में होता है, इसलिए इसे दूर करने के लिए अपने मन को कंट्रोल करें।
  • जीत और हार पूरी तरह से आपकी सोच पर निर्भर करती है, इसलिए आशावादी रहें।

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